चित्तौड़गढ़। पूज्य सिंधी पंचायत विकास समिति व झुलेलाल युवा सेवा समिति चित्तौड़गढ़ के संयुक्त तत्वाधान में अखण्ड भारत के सिंध प्रांत के अंतिम हिन्दु शासक दाहिर सेन की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये।
सचिव योगेश भोजवानी ने बताया की अखण्ड भारत के सिंध प्रांत के अंतिम हिन्दु शासक दाहिर सेन की जयंती पर सिंधु कम्यूनिटी हॉल में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके साहसिक कार्याे को याद किया गया। इस अवसर पर संगोष्ठि का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओ द्वारा उनके साहसिक कार्याे पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर पूज्य सिंधी पंचायत अध्यक्ष कमलेश खटवानी ने राजा दाहिर सेन के साहस की प्रशंसा करते हुए कहां की अपनी धर्मपरायणता, वीरता व दानविरता से अल्प समय में ही उनकी ख्याती चारो ओर फेल गई थी। सचिव योगेश भोजवानी ने बताया की अरब देशो की तरफ से ई.स. 669 से 711 तक 14 बार उन पर आक्रमण किया गया लेकिन हर बार उन्हे मुंह की खानी पढ़ी। आक्रमणकारी मुहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के दौरान उन्होने वीरता का परिचय दिया लेकिन उन पर धोखे से वार किया गया जिसके फलस्वरूप 16 जून 712 ईसवी में उनका निधन हुआ। संगोष्ठि को वरिष्ठ उपाध्यक्ष जोधराज तनवानी ने भी संबोधित किया।
झुलेलाल युवा सेवा समिति अध्यक्ष राजेश तुलसानी ने बताया की दाहिर सेन जयंती पर झुलेलाल मंदिर में दाहिर सेन की जीवनी पर बच्चो की निबंध व रंग भरो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में बच्चो ने भाग लिया। सभी विजेताओ को अतिथियो द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गये।
इस अवसर पर कमल चंचलानी, ललित वंगानी, कपिल मलानी, भावेश नानवानी, मनोज तुलसानी, जितेन्द्र वासवानी, आशा आहुजा, शारदा विधानी, आशा तनवानी, प्राची तुलसानी, इंदु चंचलानी, वर्षा वंगानी, जानवी मोटवानी, मधु मलानी सहित बढ़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।