नीमच। शहर के हिंगोरिया बालाजी निवासी स्वर्गीय चंद्रशेखर नागदा (61) ने अपनी मृत्यु के बाद भी समाज के लिए एक महान उदाहरण पेश किया है। उनकी 10 साल पुरानी इच्छा का सम्मान करते हुए, परिजनों ने लायंस क्लब सेंट्रल की प्रेरणा से उनके निधन के पश्चात देहदान किया। यह कदम न केवल उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि मेडिकल छात्रों के लिए ज्ञान का मार्ग भी खोलता है।
चंद्रशेखर नागदा की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से शुरू होकर फव्वारा चौक तक पहुंची, जहां लायंस क्लब सेंट्रल के सदस्यों ने उनका अभिनंदन किया और पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहर के प्रमुख मार्गों से गुज़रते हुए यह यात्रा मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां जिला प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर आदित्य बेरड़ और अन्य चिकित्सकों की उपस्थिति में देहदान की सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की गईं। कॉलेज ने इस महान कार्य के लिए परिजनों को एक सम्मान पत्र भी प्रदान किया। यह नीमच के मेडिकल कॉलेज के लिए छठा देहदान है, जबकि लायंस क्लब सेंट्रल के लिए इस सत्र का यह पहला देहदान है।
स्वर्गीय चंद्रशेखर नागदा जो अपने जीवनकाल में भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते थे, उनके निधन के बाद नेत्रदान भी किए गए। मेडिकल कॉलेज के लिए यह देह मेडिकल के छात्रों के शोध और सीखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस मौके पर उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया। चंद्रशेखर नागदा ने अपने इस नेक कार्य से साबित कर दिया कि एक व्यक्ति जिंदगी के बाद भी समाज के लिए बहुत कुछ कर सकता है।