शाजापुर। सावन माह का आज अंतिम सोमवार होने के कारण शाजापुर के प्रमुख शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालु ओंकारेश्वर महादेव, मंगलनाथ महादेव, सोमेश्वर महादेव समेत अन्य मंदिरों में पहुंचे।
भक्तों ने जल और दूध से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर पुण्य लाभ लिया। सुबह से मंदिरों के पट खुलते ही श्रद्धालु जलधारा चढ़ाने पहुंचने लगे। महिलाएं, युवतियां और पुरुष बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने आए। मंदिर परिसर में ष्हर हर महादेवष् के जयकारों से वातावरण गूंज रहा था। कई स्थानों पर भक्तों ने सामूहिक रूप से भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया।
पंडित संतोष नागर ने बताया कि चौथे सोमवार को श्रावण चतुर्थ सोमवार विशेष में सर्वार्थ सिद्धि योग, इंद्र योग और रवि योग होने से इसका विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि सर्वार्थ सिद्धि योग में अभिषेक करने से सांसारिक एवं आध्यात्मिक मनोकामना की पूर्ति होती है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अजय शर्मा ने बताया कि इस बार सावन सोमवार की शुरुआत 11 जुलाई से हुई थी।
आज अंतिम सोमवार पर भी भक्तों ने सुबह से व्रत और पूजा का संकल्प लेकर दिनभर भगवान शिव का ध्यान किया। पूरे महीने श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की। मंगलनाथ महादेव मंदिर के पास से चंद्रकला भागा नदी बहती है। इसे आज चिल्लर नदी के नाम से जाना जाता है।
उल्लेखनीय है कि भारत में काशी विश्वनाथ का मंदिर शमशान के सामने है। शाजापुर में स्थित बाबा मंगल नाथ मंदिर भी इसी तरह का है। उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर की तरह शाजापुर का यह मंगलनाथ मंदिर भी कर्क रेखा पर स्थित है।
सावन के चौथे (अंतिम) सोमवार का विशेष महत्व
पूरे सावन साधना का समापन
तीन सोमवार तक किए गए व्रत, पूजा और अभिषेक का पूरा फल चौथे सोमवार को मिलता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से पूरे सावन की साधना सफल मानी जाती है।
विशेष मनोकामना पूर्ति
पंडित संतोष नागर बताते हैंरू ष्अंतिम सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा और आक चढ़ाने से मनुष्य के जीवन से दुख, रोग और दोष समाप्त होते हैं तथा इच्छित फल प्राप्त होता है।ष्
इस दिन विशेषकर विवाह में विलंब या संतान प्राप्ति जैसी मनोकामनाओं के लिए पूजा करना शुभ माना जाता है।
पूजन विधि का महत्व
चौथे सोमवार को प्रातरूकाल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना चाहिए। “ॐ नम शिवाय” का जाप करना और शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करना विशेष लाभकारी माना गया है।