नीमच। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजीत कांठेड़ और पूर्व विधायक और वरिष्ठ इंका नेता नंदकिशोर पटेल ने पुरजोर शब्दों में आरोप लगाया है कि खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कथनी और करनी में भारी अंतर है। उनकी दूषित नीतियों और किसानों की समस्याओं के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के कारण प्रदेश के अन्य भागों की तरह नीमच जिले में भी किसानों को हर स्तर पर शोषण, दमन और अवहेलना का सामना करना पड़ रहा है।
यहां जारी एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में नेताद्वय ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकार किसानों को सिर्फ वोट के नजरिये से देख कर थोथी बातें, घोषणाएं और रियायतों के नाम पर बरगलाती रहती है, किन्तु सत्ता में आते ही किसानों के प्रति पूरी तरह निष्ठुर, असंवेदनशील एवं गैरजिम्मेदार व्यवहार करते हुए हर तरह से छलावा करते आ रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश के हर हिस्से की तरह नीमच जिले में भी किसान प्राकृतिक आपदा एवं राजस्व विभाग की अनियमितताओं से घोर यंत्रणा झेल रहा है।
फसल नष्ट होने पर नहीं मिल रही बीमा राशि -
नेताद्वय ने कहा कि खरीफ फसल वर्ष 2022 की सोयाबीन का जिले के 60 हजार 580 कृषकों ने 9.698 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि जमा कर 484 . 919 रुपये का फसल बीमा करवाया है। दुर्भाग्यवश अतिवृष्टि के कारण खेतों में काट कर रखी गई सोयाबीन की फसल को व्यापक नुकसान हुआ है। कांग्रेस संगठन और प्रभावित किसानों ने इस बारे में प्रशासन, सहकारी संस्थाओं और बीमा कंपनियों को तुरन्त सूचना और ज्ञापन देकर अवगत करवाया।
मुख्यमंत्री ने भी कहा कि किसानों को अविलम्ब बीमा राशि और हर सम्भव मदद की जाएगी, लेकिन यह घोषणा खोखली निकली है। अभी तक सरकार और बीमा कंपनियों से जिले के किसानों को कोई मदद नही मिल पाई है।
यूरिया खाद का कृत्रिम संकट पैदा कर किसानों का शोषण -
कांठेड़ और पटेल ने आरोप लगाया कि यूरिया खाद सप्लाई की दूषित नीति और कृत्रिम संकट खड़ा कर निजी खाद विक्रेताओं को दोनों हाथों से किसानों को लूटने की छूट दी जा रही है। नेताद्वय के अनुसार वर्तमान में सहकारी संस्थाओं में 1 लाख 18 हजार 772 किसान जुड़े हुए हैं। सरकार द्वारा असंगत रूप से आर्थिक विवशताओं के चलते डिफाल्टर हुए किसानों को संस्थाओं से यूरिया देने पर रोक लगा दी है।
ऐसे में केवल 51 हजार किसान ही सोसायटी से खाद लेने की पात्रता रखते है और बाकी के किसानों को निजी व्यापारियों से खाद लेने को बाध्य कर दिया गया है। इससे कृत्रिम संकट दिखा कर कालाबाजारी बढ़ रही है और किसानों का खुले आम शोषण हो रहा है। इस स्थिति से बचाव के लिए उचित यह है कि डिफाल्टर सहित सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया और अन्य खाद सहकारी संस्थाओं से ऋण पर उपलब्ध करवाया जाना चाहिए।
विद्युत संकट के चलते सिंचाई में अवरोध-
फसलों की सिंचाइ के इस दौर में दिन - रात के अनियमित शेड्यूल , अल्प वॉल्टेज और अपर्याप्त विद्युत सप्लाई के कारण जिले भर के किसानों को हो रही भारी परेशानी का उल्लेख करते हुए नेताद्वय ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश में भरपूर विद्युत उत्पादन का दावा करते रहते है लेकिन इसके ठीक विपरीत किसानों को विद्युत वितरण के कुप्रबन्धो से भरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । काँग्रेस लगातार सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कर रही है लेकिन किसान विरोधी भाजपा सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही ।
राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार से जिले भर के किसान त्रस्त , खुद भाजपा नेता ने की खुदकशी -
नेताद्वय के प्रेस वक्तव्य में कहा गया है कि , जिले के राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है और किसानों के भूमि सम्बन्धी नामांतरण , सीमांकन , बन्दोबस्त, बंटवारे और अन्य सम्बद्ध मामलों को स्वार्थगत कारणों से उलझाया जा रहा है जिससे किसान वर्ग बहुत परेशान हो रहा है । स्थिति कितनी खराब और असहनीय हो गई है इसका सबसे बड़ा उदाहरण ग्राम कूचडोद निवासी किसान और भाजपा नेता बलवंतदास ने पटवारी और गिरदावर को रिश्वत देने के बाद भी खेत से अतिक्रमण नही हटने से दुःखी होकर आत्महत्या कर ली थी।
समस्याओं के अविलम्ब समाधान की माँग को लेकर काँग्रेस का 25 नवम्बर को विरोध प्रदर्शन -
कांठेड़ और पटेल ने कहा कि , भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा किसानों के साथ लगातार किये जा रहे छलपूर्ण व्यवहार , अनीति , समस्याओं की अनदेखी , वादा खिलाफी और उपेक्षापूर्व रवैये के विरोध में नीमच जिला काँग्रेस के झंडे तले 25 नवम्बर 2022 की प्रातः 11 बजे जिला काँग्रेस कार्यालय गांधी भवन नीमच से विशाल विरोध रैली निकाली जाएगी । नगर के विभिन्न मार्गाे से निकल कर कलेक्टर कार्यालय पर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जायेगा ।
काँग्रेस की ज्ञापन के जरिये माँग रहेगी कि जिले के किसानों को तत्कालीन कमलनाथ सरकार द्वारा स्वीकृत मुआवजा राशि मे से बकाया 38 करोड़ का तुरन्त भुगतान , खरीफ फसल 2022 के तहत अतिवृष्टि से नष्ट सोयाबीन फसल के बदले बीमा राशि का भुगतान , यूरिया और अन्य खाद - बीज वितरण नीति में समुचित सुधार , सही वॉल्टेज के साथ दिन के समय पर्याप्त विद्युत सप्लाई प्रबन्ध और राजस्व विभाग से जुड़े कृषकों के सभी कार्यों को भ्रष्टाचार मुक्त ढंग से सम्पन्न करवाने के प्रबन्ध किये जायें । नेताद्वय ने जिले के कांग्रेसजनों और किसानों से भाजपा सरकार की दूषित नीतियों के विरुद्ध इस प्रदर्शन में सहभागिता की अपील की है ।