नीमच। राम कथा अहंकार का त्याग करना सिखाती है। देह अभिमान के त्याग बिना जीवन सफल नहीं होता है। श्रीराम ने वनवास में रहते हुए अभिमान का त्याग किया। और संसार को त्याग मय जीवन की प्रेरणा दी। यह बातश्री पंचमुखी बालाजी मंदिर कानाखेड़ा के तत्वाधान में परमहंस स्वामी चेतनानंद गिरी जी महाराज हरिद्वार ने कही। वे पंचमुखी बालाजी अष्टम स्थापना दिवस एवं मकर सक्रांति के पावन उपलक्ष मेंश्री राम कथा एवं अखंड रामायण पाठ आयोजन धर्म कथा में बोल रहे थे उन्होंने कहा कि संत का जीवन शास्त्रों में निहीत होता है। मनुष्य को सदैव प्रमाद से बचना चाहिए पुण्य परमार्थ के कार्यों में लगना चाहिए क्योंकि यदि प्रमाद करेगा तो मृत्यु तय है।पुण्य कर्म करे तो जीवन के साथ मृत्यु भी सुधर जाती है। भीष्म पितामह ने कहा था कि द्रोपति कोरवों तथा पांडवों की बहुओं द्वारा अपने से बड़ों को प्रणाम नहीं करने के कारण महाभारत काल में कौरव पांडवों को युद्ध का सामना करना पड़ा। श्री राम कथा पोथी पूजन आरती में उमराव सिंह गुर्जर ,तरुण बाहेती, नंदलाल नागदा , पूर्व सरपंच प्रकाश पुरोहित घसुंडी, जुगल किशोर नागदा खानखेड़ी, दिनेश अग्रवाल नीमच आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।
क्षेत्र के बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने आयोजन में दान राशि लिखवा कर प्रदान करने की घोषणा की गई। राम कथा का सीधा प्रसारण मेरे बाबा श्याम मंडल यूट्यूब पर लाइव सीधा प्रसारण किया जा रहा है।
श्री राम कथा 9 से 15 जनवरी तक प्रतिदिन सुबह11 से 4बजे तक आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम प्रवक्ता ने बताया कि श्री आज15 जनवरी को पूर्णाहुति भंडारे के साथ कथा का विश्राम होगा। भागवत पोथी पूजन महा आरती के बाद प्रतिदिन प्रसाद वितरण किया जाएगा।