सरवानिया महाराज। आज भगवान द्वारिकाधीश नंगे पांव द्वारिका का सिंहासन छोड़कर अपने बाल सखा से मिलने दौड़ पड़े हैं। चार मुठ्ठी चावल और जन्मों जन्मों के भव तार दिया है। सुदामा कृष्ण मिलन का पावन प्रसंग सजीव मंचन किया गया। माया से दुर होने का एक मात्र उपाय ईश्वर के पास रहना है। उक्त बात ग्राम रुपपूरा के पास रंकावली माता मे श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन समापन अवसर पर संत अनुजदास महाराज ने कही।
संत श्री ने भरी धर्म सभा में बोलते हुए कहा कि परमात्मा से दुरी का कारण केवल और केवल माया रुपी धन है। जिसनें हमें जिने के गुर सिखाए वो गुरु है और सदगुरु जब शिष्य के माथे पर हाथ फैरते है तो उसे जन्मों जन्मों के लिए सोई हुई धार्मिक वृत्तियों और सद कर्मो को जगाते है। जिस संसार को मानव अपना घर मान रहा है ये दुनिया उसका घर नही है। धन की गति नाशवान है। जैसे कर्म करोगें वैसे फल तो भोगने पड़ेंगे। कर्म का निदान तो करना पड़ेगा।
अनुजदास महाराज ने आज मकर संक्रांति और कथा विश्राम के दौरान बोल रहे थे कि रासायनिक खादों और पेस्टीसाइड के उपयोग से एक दिन ये धरती बंजर हो जायेगी। खेती मे नवाचार करें। घौर कलयुग अभी आना बाकी है । सतयुग के इंतजार में जैसा चल रहा है उसे वैसा नहीं चलने दे अभी से अपनी वृत्तियों को बदले मन हरी मे लगाना शुरू कर दे। कथा मे शनिवार को बेरुस्तथि भगवान का वर्णन, भृगु जी महाराज, परमधाम, भगवान दत्रात्रेय और पिंगला वैश्या, यदू भगवान संवाद वर्णन तथा गोवंश की हत्या पर बोलते हुए समाज का ध्यान आकर्षित किया।
इस दौरान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री मध्यप्रदेश शासन जावद विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता राजकुमार अहीर, भारतीय जनता पार्टी के नेता पूरणमल अहीर, शिवम राजपुरोहित सांसद प्रतिनिधि, ठा तेजपाल सिंह चुंडावत रुपपूरा, गजेंद्रसिंह रानी पुरिया, ठा कैलाश सिंह पंवार आकली, मुकेश जाट रूपपुरा, हिरेंद्रसिंह पंवार हिरु बना आंकली, ओमप्रकाश राव, मदनलाल जाट, देवेंद्र अहीर, दिनेश अहीर, मुकेशराव सरपंच आमली भाट, डा बाबुलाल नागदा, मुकेश पाटीदार रुपपूरा, विज्जू बना अहीर चोकानखेड़ा, शंभुलाल नागदा रुपपूरा, शंकरसिंह पंवार आकली, सहित बड़ी संख्या मे महिलाओं और पुरुषों के साथ युवक युवतियों तथा बालकों ने श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण किया। संचालन राजकुमार राव ने किया। महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। समिति ने सभी का आभार व्यक्त किया।