मंदसौर। पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया पुलिस अधीक्षक मंदसौर द्वारा दिये गये निर्देशो के तारतम्य में गौतम सोलंकी अति पुलिस अधीक्षक मंदसौर एवं नरेंद्र सोलंकी एसडीओपी मंदसौर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी दलौदा संजीव सिंह परिहार व उनकी टीम द्वारा 02 आरोपीयो को भारी मात्रा में नगदी, सोने के आभुषण सहित पकडा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना दलौदा पर पदस्थ सउनि ईश्वरलाल राठौर को सूचना मिली कि एक कार का आईफा होटल के सामने एक्सीडेंट हो गया है मोके पर मय टीम के पहुंचे तो दो व्यक्ति गाडी मे बैठे मिले जिनको बाहर निकालकर पूछताछ करते बताया कि अचानक से नींद का झौका आ गया जिस कारण से कार रोड से नीचे उतरकर पेड से टकरा गई कार का पीछला फाटक खुला था। जिसके अंदर झांककर देखते 500-500 रूपये और 100-100 रूपए एवं 200-200 रूपये की गड्डिया दिखी पडी हुई थी। जिसके संबध मे दोनों व्यक्तियो से पूछते कोई संतोषप्रद जवाब नही दिया जिस पर दोनो व्यक्तियो से नाम पता पूछने पर एक ने अपना नाम दशरथंसिह पिता कांतींसिह जाति राजपूत उम्र 26 वर्ष निवासी नानीवाडा जालौर राजस्थान एवं दूसरे ने अपना नाम प्रदीपकुमार पिता जगदिश कुमार जाति जोशी उम्र 26 साल निवासी नानीवाडा थाना जालौर जिला राजस्थान का होना बताया। जो जगदीश कुमार के सिर मे हल्की चोट होना पाई गई।
पंचानो के समक्ष कार मे बिखरी नोट की गड्डियो की गणना करते 100 रू नोट के 900 नोट कुल 90000 एवं 200 रू 500 नोट कुल 100000 एवं 500 रूपये के 6000 नोट कुल 3000000 एवं 2000 रूपये के 197 नोट कुल नगदी राशि 3584000 होना पाई गई। तथा दो सोने की चेन व दो सोने की अंगुठी किमती 3 लाख रुपये व एक मारुती वैगनआर कार किमती 1 लाख 80 हजार रुपये की पाई गई जो प्रथक दृष्टया चुराई गई संपत्ति होने का संदेह होने पर सख्ती से पूछताछ करने पर कभी कुछ कभी कुछ बताया। उक्त संपत्ति चोरी के संदेह होने पर विधिवत धारा 41(1) 41(4), 102 जाफौ एवं 146/196,3/181,39/192 एमव्ही एक्ट मे उक्त नगदी एवं सोने की चैन व अंगुठी तथा कार जप्त किये जाकर आरोपीगणो गिरफ्तार किया गया। आरोपीयो से जप्त की गई नगदी के सम्बन्ध में पुछताछ की जा रही है तथा उक्त नगदी राशि व सोने के आभुषण के सम्बन्ध में इनकम टेक्स विभाग को कार्यवाही हेतु सुचित किया गया है।
उक्त कार्यवाई में थाना प्रभारी दलौदा संजीव सिह परिहार , सउनि ईश्वरलाल राठौर , सउनि नरेन्द्र मकवाना, सउनि सन्तोष मुनिया आरक्षक 920 सुनील कुमावत एवं आरक्षक गोपालकृष्ण एवं सैनिक 1011 चन्द्रपालसिंह का सराहनीय योगदान रहा