नीमच। शहीद सैनिकों के परिजनों एवं उनके बलिदान में योगदान देने वालों के सम्मान बिना राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता है। भारतीय सेना के सैनिकों का लोहा पूरे विश्व में माना जाता है। भारतीय सैनिक आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से देते हैं। देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्र प्रगति कर रहा है। जहां साहसी सैनिकों और शहीदों का सम्मान होता है। उस राष्ट्र का विकास तेजी से होता है जिससे देश का सेना बल डोरेमोन का साहस और आत्मविश्वास मजबूत हुआ।
यह बात विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कही। वे अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला नीमच इकाई के तत्वावधान में नीमच सिटी मनासा नाका के समीप शहीद स्मारक पार्क में सुबह 11 बजे 24 वर्ष बाद प्रथम बार आयोजित कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में वर्चुअल संदेश में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक शहीद सैनिकों की याद में मेले लगते रहेंगे वीर सपूतों को हम भूलेंगे नहीं।
पुलिस लाइन के आर आई विक्रम सिंह भदौरिया ने कहा कि सैनिकों के साहस से ही युद्ध जीते हैं इसी कारण विजय दिवस मनाया जा रहा है सैनिकों के बलिदान के कारण ही देश के नागरिक आजादी के साथ आनंद पूर्वक जीवन जी रहे हैं। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने कहा कि आजादी की लड़ाई में अनेक देशवासी अंग्रेजों और मुगलों की गोली का शिकार हुए। शहीद भगत सिंह फांसी पर झूले लेकिन आजादी की रक्षा की है । क्रांतिकारियों ने प्राण दिए लेकिन भारत देश की रक्षा की जो आज के युवा और के लिए आदर्श प्रेरणादाई कदम है। कार्यक्रम आयोजक अ.भा .भुतपूर्व सैनिक सेवा परिषद जिला इकाई के जिलाध्यक्ष अध्यक्ष देवेंद्र सिंह परिहार ने कहा कि आगामी 12 अगस्त को भूतपूर्व सैनिक परिषद के सदस्यों द्वारा रक्तदान कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 1999 के युद्ध में हमने भी कई अपनों को खोया होगा। 10 मई 1999 से प्रारंभ हुए कारगिल युद्ध में 527 सैनिक शहीद हुए 13 सैनिक घायल हुए। माइनस डिग्री तापमान में बर्फ में रहते हुए 2लाख सैनिकों ने संघर्षपूर्ण युद्ध में बहादुरी के साथ सहभागिता निभाई।
कारगिल युद्ध में कठिन परिश्रम के बावजूद युद्ध विजयी हुए सैनिकों से प्रेरणा लेकर अपने क्षेत्र में सजग भूमिका का निर्वहन करना चाहिएं।कारगिल युद्ध में पाकिस्तान से भारत ने युद्ध जीतकर कारगिल युद्ध की दुर्गम पहाड़ियों में 1999 में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के ऊपर विजयी तिरंगा लहराया जो भी ऐतिहासिक है। कार्यक्रम में , सैनिक परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री चतर सिंह गहलोत, 5 बटालियन एनसीसी कनावटी के कंपनी हवलदार मेजर राजेंद्र सिंह, सूबेदार भवानी सिंह, केयरटेकर कुलदीप सिंह, पुलिस लाइन आर आई विक्रम सिंह भदोरिया, कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बृजेश सक्सेना, पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष उमराव सिंह गुर्जर,भूतपूर्व सैनिक सेवा परिषद के जिला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह परिहार, लोकेंद्र सिंह परिहार, मंचासीन थे।कार्यक्रम का शुभारंभ शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र एवं दीप प्रज्वलित कर अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में देशभक्ति गीतों की स्वर लहरीया बिखर रही थी। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक सार्जेंट कमलेश नलवाया, उमेश चंद्र शर्मा, नरेंद्र जग्रवाल, रामचंद्र खराड़ी, भरत शर्मा,राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी शिक्षक रमेश मोरे, राकेश अहीर,अखिल भारतीय जायसवाल महासभा के राष्ट्रीय सचिव अर्जुन सिंह जायसवाल, भूतपूर्व सैनिक ,उनके परिवार जन, स्प्रिन्ग वुड विद्यालय, स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय एनसीसी के विद्यार्थीआदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। एनसीसी विद्यार्थी प्रियल जैन ,सुमन शर्मा ने अतिथियों की अगवानी की। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए सैनिकों द्वारा पौधारोपण भी किया गया ।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।कार्यक्रम का संचालन देवेंद्र सिंह परिहार ने किया। आभार सचिव चांदमल पाटीदार ने व्यक्त किया।