देवास। कारगिल विजय दिवस की 24 वर्षगांठ पर सनातन विचार मंच द्वारा तिवर्षानुसार आयोजित सैन्य सम्मान समारोह में कारगिल योद्धा का सम्मान एवं व्याख्यान माला आयोजित की गई। जिसमें देशभक्ति के वातावरण से मल्हार स्मृति मंदिर गुंजायमान हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय विचारक शहीद समरसता मिशन के राष्ट्रीय संयोजक मोहन नारायण, हरिद्वार ने अपने ओजस्वी व्याख्यान में देश की रक्षा करने वाले जवानों की दास्तान और वीर शहीदों के परिजनों की पढ़ा का बखान किया तो ऐसे तथ्य सामने निकलकर आए,जिसे सुनकर श्रोताओं की आंखे भर आई। लगभग 50 मिनिट के उद्बोधन में आपने सीमा के प्रहरी के प्रति सरकार और जनता की जिम्मेदारी को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह राष्ट्र के लिए समर्पित होने वाले जवानों का पूरा परिवार प्रभावित रहता है। शहीद होने वाला जवान अकेला शहीद नही होता। उसके साथ हर हलछट्ठ पर माँ शहीद होती है, दीवाली पर पिता, राखी पर बहन, करवाचौथ पर पत्नी और पेरेंटश की बैठक में बच्चे शहीद होते है। उसकी शहादत में शामिल होता है उसका परिवार। शहीद होने वाले उसके परिवार के प्रति सरकार के साथ हमारी जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में ऑपरेशन कारगिल विजय में द्रास एवं मुस्को घाटी में दुश्मनों से लडऩे वाले चार योद्धाओं का सम्मान किया गया। जिसमें ग्राम चिड़ावद के वीर जवान महेश त्यागी, ग्राम देवली के सुरेशचंद्र, ग्राम मेंढकी सुनील चौधरी एवं राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित कैप्टन रामभाऊ पटेल का कारगिल योद्धा सम्मान से सम्मानित किया। अतिथियों ने सम्मान पत्र, गोल्डन मेडल, शाल, श्रीफल प्रदान कर सम्मान किया।