नीमच। मुहर्रम की दस तारीख को नीमच में ताजिए के साथ जुलूस निकाला गया। अपने-अपने चौक से ताजिया को गश्त कराते हुए लोग निश्चित स्थान पर पहुंचे। शहर के विभिन्न वार्डों का अखाड़ा जमा रहा। अखाड़ा, ताजिया को देखने के लिए गांव से भी महिला-पुरुष अकीदतमंद पहुंचे। अपने-अपने मुहल्ले का नेतृत्व वहां के ताजिएदार व अखाड़िया कर रहे थे। इंसाफ की जंग में शहीद हुए हजरत इमाम हुसैन साहेब एवं उनके समर्थकों की याद में निकाले गए जुलूस में शहर के कई अखाड़ों के लोग अपने-अपने निशान के साथ एकत्रित दिखे। इससे पूर्व अकीदतमंदों ने फातिहा किया एवं अमन-चैन की दुआ मांगी। खेल का प्रदर्शन करने के बाद अखाड़ों के लोग जुलूस लेकर या हुसैन का नारा लगाते हुए गाजे-बाजे के साथ ताजिया उक्त स्थल पर पहुंचे। ताजियों को हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी माना जाता है। जुलूस में काफी तादाद में अकीदतमंदों ने हिस्सा लिया और हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करके काफी गमगीन थे।