आलोट। नागदा को जिला बनाने की अधिसूचना जारी होने के बाद राजनीति भी गरमा गई है। आलोट विधानसभा के आलोट ताल तहसील को नागदा में शामिल करने का गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ है। अभी वर्तमान में आलोट रतलाम जिले की विधानसभा है।
हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागदा को जिला बनाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद राजनीतिक बयान बाजी तेज हो गई। पूर्व विधायक जीतेंद्र गहलोत ने कहा कि नागदा जिला बने सहमति के लिए नागदा विधायक दिलीप गुर्जर के साथ आलोट विधायक मनोज चावला ने उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के समक्ष आलोट को नागदा जिले में शामिल करने के लिए सहमति पेश कर दी।
अगले दिन ताल नगर के व्यापारी संगठन ने नागदा को जिला बनाने का विरोध किया और कहा कि हम नागदा में शामिल नहीं होना चाहते हैं। व्यापारी संगठन के साथ विधायक चावला भी शामिल हुए और उन्होंने उनकी हां में हां मिलाते हुए कहा कि ताल को नागदा जिले में नहीं मिलाया जाए। विधायक ने आज फिर अपना बयान दिया और कहा कि जिसको दावा आपत्ति पेश करना वो करें।
पूर्व विधायक जीतेंद्र गहलोत ने कहा कि नागदा जिला बन रहा है तो दोनों ही पार्टियों में जश्न का माहौल है। आलोट विधायक अपने सीनियर नेताओं को गुमराह कर रहे हैं सहमति देकर पलट जाना ठीक नहीं। नागदा जिला बनता है, तो नागदा के साथ-साथ आलोट क्षेत्र के युवाओं को भी रोजगार का लाभ मिलेगा।
नागदा में ग्रेसिंग सहित अन्य फैक्ट्रियों में वैकेंसी निकलती है तो बेरोजगार उसका फायदा ले सकते हैं। पूर्व विधायक गहलोत ने ताल को अनुभाग बनाने की बात कही और कहा कि वर्तमान में आलोट 90 ग्राम पंचायतों का अनुभाग है। 45 ग्राम पंचायतों को ताल में जोड़कर अलग अनुभाग की हम मांग कर रहे हैं।