नीमच। शासकीय अनुसूचित जाति बालक महाविद्यालय छात्रावास नीमच में 01 अगस्त को मेस (भोजन व्यवस्था) शुरू हुई। लेकिन शाम को आलु और टमाटर की सब्जी में धनेरिये (गेहूँ में पड़ने वाले कीड़े) निकले। इससे पहले भी 4 अप्रैल 2023 को दाल में कीड़े निकले थे, जिसकी शिकायत जनसुनवाई में छात्रों द्वारा की गई थी।
मंगलवार की शाम की सब्जी लालूराम मेघवाल द्वारा बनाई गई थी। जिसको सभी छात्रों ने मेस से निकाल कर अपने कमरे में ले गए। उसके थोड़े समय बाद जब कुछ लड़के खाना खाने अपने रूम बैठे तो उनको अंदेशा हुआ की आलू और टमाटर की सब्जी में कुछ है। फिर सब्जी में से निकालने पर पता लगा की सब्जी में धनेरिये (गेहूँ में पड़ने वाले कीड़े) हैं। फिर एक-एक करके सब छात्रों की सब्जी चेक करने के बाद पता चला कि ये कीड़े सबके इसमें हैं, तब तक कुछ लड़को ने उस कीड़े वाली सब्जी को खा भी लिया था। फिर लगभग शाम 8 बजे छात्रों द्वारा छात्रावास के अधीक्षक रमेश पंवार को बुलाया गया और उनको इस स्थिति से अवगत कराया गया। फिर सभी छात्र और अधीक्षक मेस में गए और कूकर में बची हुई सब्जी थी उसे देखने पर उसमें धनेरिये (कीड़े) पाए गए। उसके बाद छात्रों से अधीक्षक रमेश पंवार ने उनकी सब्जी फिंकवा दी।
उसके बाद सुबह आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी एस एस सोलंकी निरीक्षण के लिए जो आते रहते हैं उनको छात्रों द्वारा एप्लिकेशन लिख कर शाम की घटना से अवगत कराया गया। उसके बाद अधिकारी एस एस सोलंकी ने पंचनामा बनाया।
लेकिन सवाल यह हैं कि इस तरह की हॉस्टल में घटनाएं घटित होती रहती हैं। पिछली बार 4 अप्रैल को कीड़े निकलने की घटना के बाद फिर दोबारा कीड़े निकलना अधीक्षक और कर्मचारी की लापरवाही हैं। अभी तक दो बार पंचनामा बनाया लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक राकेश राठौर, एस एस सोलंकी और अधीक्षक रमेश पंवार की मिलीभगत दिखती हैं क्योंकि ये यहाँ नीमच जिले में काफी वर्षों से कार्यरत हैं, विभाग में सभी की मिलीभगत रहती हैं। ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों पर जिलाधीश दिनेश जैन द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए उचित और कठोर कार्यवाही करनी चाहिए। अधीक्षक रमेश पंवार और लालूराम मेघवाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए और अनुसूचित जाति और जनजाति के लड़को और लड़कियों के साथ मानवीय व्यवहार सुनिच्छित किया जाए। क्योंकि अनुसूचित जाति के छात्रावासो से ऐसी समस्याए आती रहती हैं पर कोई कार्यवाही नहीं होती हैं। जब भी समय मिले कलेक्टर और एसडीएम या अन्य अधिकारी को अचानक पहुँच कर निरीक्षण करना चाहिए। अभी तक ऐसी पिछले काफी समय में कार्यवाही नहीं देखी गई हैं। छात्रावासों में पढ़ने वाले देश के भविष्य को उचित सुविधा दी जाए और उनको इस तरह के डर के माहौल से अलग रखा जाए और शासन के अनुसार सभी सुविधाएं दी जाए।