उज्जैन। राजाधिराज भगवान महाकाल घटाटोप मुखारविंद स्वरूप में रथ पर सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले हैं। सावन महीने की छठी सवारी में बाबा महाकाल के छह स्वरूप शामिल हैं। चांदी की पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मन महेश, गरुड़ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद स्वरूप सवारी में मौजूद हैं।
महाकालेश्वर मंदिर से सवारी की शुरुआत हुई। इससे पहले मंदिर प्रांगण में पूर्व सीएम कमलनाथ ने पालकी और महाकाल के मुखारविंद भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन किया। वे सवारी में शामिल भी हुए। मंदिर से बाहर भगवान महाकाल की सवारी को पुलिस की सशस्त्र बल टुकड़ी ने सलामी दी।
सवारी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए हैं। बैंड-बाजे और ढोल-नागाड़ों के साथ भजन मंडलियां और भक्तों की मंडलियां सवारी के साथ-साथ चल रही हैं। सड़क के दोनों ओर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए भक्त खड़े हैं। जगह-जगह सवारी का फूल बरसाकर स्वागत किया जा रहा है। इस बार सवारी में आजादी का जश्न भी दिखाई दे रहा है। कई भजन मंडली तिरंगे के साथ नजर आईं। आज की सवारी में करीब 5 लाख भक्तों के आने का अनुमान जताया जा रहा है।