सरवानिया महाराज। अब पानी की खेंच की चिंता शहर के बच्चों को भी होने लगी है। इसी के चलते आज शहर के रावला आगे रहने वाले कुछ बच्चों ने बरसात हो जाये इसके लिए प्राचीनकाल में किए जाने वाले टोटके का जतन किया। पुराने समय में किये जा वाले मेढक की सवारी वाली डेडर माता का सहारा लेकर शहर के घरों में डेडर माता लावों डेडर माता लावों ,डेडर माता मेढक की सवारी , आप पाताल से पधारों आपकी आरती उतारा ,झुम झुम के नाचा , रिम झिम पानी बरसाओं, डेडर माता पानी बरसाओं गितो के साथ एक छोटी टोकरी में मेढक को बिठाकर घरों में जाकर मेढक की आरती उतरवाई । अपने घर पर आये बालक बालिकाओं का महिलाओं ने आरती उतारकर मेढक की सवारी वाली डेडर माता का जलाभिषेक किया।