इन्दौर। सामाजिक समरसता और एकता की अलख जगाने निकली स्नेह यात्रा आज सांवेर विकासखण्ड के ग्राम सिलोटिया पहुंची। यहां शोभायात्रा के साथ सामुदायिक भवन में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर स्थानीय भजन मंडली (संत रविदास मालवीय लोक गीत डोहोरिया) द्वारा प्रस्तुतियां दी गई। आचार्य आनन्द शुक्ला द्वारा मंगलाचरण किया गया। स्वामी परमानंद गिरी जी महाराज ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि अपने देश को और अधिक समृद्ध देश बनाने के लिये सभी कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। ग्राम के काशी राम डोहरिया को तिलक लगाकर और गले लगकर पुष्पहार से सम्मान किया गया।
इसके पश्चात ग्राम गारीपिपलिया में स्वामी परमानंद गिरी जी महाराज ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि जो मनुष्य अपने लिए सोचता है वह सामान्य मनुष्य है और जो परहित के लिये सोचता है वह संत के समान है। यहां पर गुरूदेव द्वारा दो वरिष्ठ जनों का तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया।
ग्राम धनखेडी में महामण्डलेश्वर दीदी दिव्य चेतना दीदी मां द्वारा एक भजन प्रस्तुत किया गया। गुरूदेव ने उपस्थित जनसमुदाय को स्नेह यात्रा के उद्देश्य की जानकारी देते हुए कहा कि आप सभी भारत को विश्वगुरु बनाने हेतु एकजुट होकर कार्य करें।
ग्राम ऐमा बड़ोदिया में ग्रामीण महिलाओं ने गुरूदेव के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया। गुरूदेव ने उपस्थित सहभागियों को स्नेह यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि समाज में उच्च और निम्न की भावना घर कर गई है जिससे समाज में दूरियां बढ़ रही हैं। इन दूरियों को पाटने के लिए जातिगत भेदभाव को मिटाना अनिवार्य है। सभी वर्गों के लोग एक दूसरे का सम्मान करें तभी यह संभव है। आज स्नेह यात्रा का सहभोज ग्राम ऐमा बड़ोदिया में करवाया गया। यहां पर स्वामी जी द्वारा सभी लोगों के साथ सहभोज किया गया। स्नेह यात्रा का जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत किया गया।