नीमच। परमात्मा धन दौलत नहीं पवित्र भाव चाहते हैं। ना ही इन्हें हीरा जवारात चाहिए। पवित्र मन के भगवान भूखे होते हैं जो परमात्मा की पवित्र मन से उपासना करता है वह ईश्वर के पास अमृत तत्व में मिल जाता है और उसकी मुक्ति हो जाती है। यदि मनुष्य जीते जी मुक्ति चाहता है तो परमात्मा की भक्ति और सत्संग में जुड़ जाए। माता-पिता की सेवा करने से ही चार धाम की यात्रा के बराबर पुण्य मिलता है बच्चों को सत्संग में लाकर अच्छे संस्कार देना चाहिए। उक्त उद्गार स्थानीय स्वर्णकार धर्मशाला नीमच में होने जा रही भागवत कथा के दौरान कथावाचक पंकज कृष्ण महाराज वृंदावन वाले द्वारा दिए।
महाराज ने कहा कि गोविंद भगवान का पहला का रस पीना चाहिए जिससे कि व्यक्ति को जीवन सुधरता है। सत्संग में जो भजन कीर्तन का आनंद कथा का स्वर्ण नहीं करता है वह नरक में जाने के समान है। सत्संग और भजन करने से आत्मा का कल्याण होता है।
राधा कृष्ण का शुभ विवाह हुआ। सभी भक्तजनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। मधुर मधुर भजनों पर महिलाओं ने नृत्य किया। जजमान कौशल्या बाई कैलाशचंद सोनी द्वारा कराई जा रही है कथा में दिन प्रतिदिन भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। नन्हे नन्हे बच्चों द्वारा झांकियां बनाकर आकर्षण का केंद्र बने। भागवत कथा में प्रातः 11 बजे से 2 बजे के बीच होगी। सभी भक्तगण विशेष ध्यान रखें पूर्णाहुति भी की जाएगी। इस अवसर पर पूर्व पार्षद प्रत्यूष सिंह वर्मा, प्रतिपक्ष के नेता योगेश प्रजापति, अखिल भारतीय पोरवाल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश पोरवाल, पूर्व पार्षद नरेंद्र सोनी, पत्रकार भगत वर्मा, राजेश सोनी, वैभव सोनी सहित अनेक समाज जन उपस्थित रहे।
इंदिरा नगर क्षेत्र से भी भक्तजन प्रतिदिन आ रहे हैं।