नीमच। जनवादी लेखक संघ नीमच द्वारा हरिशंकर परसाई की जन्मशती पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। रविवार 27 अगस्त 2023 दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक जारी रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता जलेस नीमच अध्यक्ष प्रियंका कवीश्वर ने की। स्वागत उद्बोधन सचिव के सी सेन ने दिया। तत्पश्चात विजय बैरागी ने हरिशंकर परसाई के व्यंग ठिठुरता हुआ गणतंत्र और किशोर जेवरिया ने इंस्पेक्टर मातादीन का पाठ किया। जिसपर परिचर्चा हुई। उपस्थित जनों ने अपने विचार व्यक्त किए। किशोर जवेरिया ने बताया कि परसाई को स्कूल में पढ़ते थे। परसाई मंच के लेखक थे। हाजी एमजेड कुरेशी ने कहा कि पहले अभिव्यक्ति की आजादी थी। आपने परसाई को याद किया। कामरेड शेलेन्द्रसिंह ठाकुर ने कहा कि परसाई समाज की विसंगतियों के खिलाफ लिखा करते थे। टॉर्च बेचने वाला अंधेरे के खिलाफ आदि प्रमुख बाते लिखी, परसाई के विचारों को लेकर आगे बढ़े और बिना डरे लिखें। कृपालसिंह मंडलोई ने भी अपनी बात रखी, उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में मीटिगों पर प्रतिबंध लग रहे है। मणीपूर के लिए मीटिंग हो रही थी, वो कैंसल करवा दी गई। दमन होगा तो प्रतिरोध भी होगा, प्रगतीशील विचारकों को आगे आना होगा। कृपाल ने मुजफ्फरनगर बच्चों के थप्पड़ मारने के वीडियो बनाया उस पर विस्तार से बात रखी। आलम तौकीर ने कहा कि हमे दबाया जा रहा है। हम आजादी दिलाने वालों में से है, नही कि देशद्रोहियों में से, हाजी मोहम्मद हुसैन शाह अदीब ने भी परसाई को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। परसाई की बाते सीधे-सीधे बात करती थी, हम कलमकार हैं। अपनी क़लम से क्रांति लाना है। गुणवन्त ने भी अभिव्यक्ति की आज़ादी हमारा हथियार है। हमे जिससे लड़ना है लड़ेगें। कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष प्रियंका कवीश्वर ने परसाई जी और एक पत्रकार को ध्यान में रखते हुए अपनी रचना प्रस्तुत की। उन्होंने अपनी रचना में पत्रकार और परसाई जी के बीच वार्तालाप को दर्शाया। अंत मे जनवादी गीतकार शैलेंद्र जिनकी भी जन्मशती है उनका गीत तू ज़िंदा है तो जिंदगी की जीत पर यक़ीन कर समूह गीत का गायन उपस्थित सभी ने किया।
इस दौरान जनवादी गीतकार शैलेंद्र और मुकेश को भी याद किया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सुनील शर्मा, नितेश यादव, मोहम्मद साहिल, पुष्कर अहिरवार, कुशाग्र सिंह, जितेंद्र कुमार, मुकेश नागदा इत्यादि भी उपस्थित थे।