भौरासा। सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम कावड़ यात्रा माना जाता है। कावड़ यात्रा की शुरुआत पवित्र नदियों और तीर्थ स्थलों से होती है, जबकि इसका समापन शिव मंदिरों में भगवान शिव के जलाभिषेक के साथ होता है। रविवार को संस्था शहीद संदीप यादव के तत्वाधान में लगातार दूसरे वर्ष भव्य कांवड़ व कलश यात्रा बैंड बाजे, डीजे के साथ झरनेश्वर महादेव मंदिर कन्हैरिया से मन कामनेश्वर महादेव मंदिर कुलाला तक निकाली गई। भगवान भोले के हजारों उपासक रविवार को सुबह 10 बजे झरनेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे। जहा सभी कावडियो और महिलाओं ने झरनेश्वर महादेव का पूजन कर जलाभिषेक किया। उसके बाद शिव भक्तो ने झरनेश्वर स्थित कुंड से पवित्र जल भरकर कांधे पर कावड़ और महिलाओं ने सर पर कलश लेकर हर हर महादेव और बोल बम नर्मदे हर के जोश से जयकारे लगाते हूए मनकामनेश्वर मंदिर कुलाला के लिए निकले। इस दौरान डीजे की धुन पर शिव भक्त, हर हर शंभु, महादेव के भजनों के साथ थिरकते हुए लोग कावड़ यात्रा में शामिल हुए। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और महिलाएं इस कावड़ यात्रा के साक्षी बने। तो वहीं युवाओं में भी खास उत्साह देखने को मिला। कावड़ और कलश यात्रा का रोड किनारे बसे गांवों के लोगों ने स्टॉल लगाकर जगह जगह कावड यात्रियों पर फूल बरसाए और स्वागत किया। इसके अलावा उन्हें स्वल्पाहार कराया। यह यात्रा झरनेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर शिवपुर, बुदासा, शहीद द्वार होते हुए मनकामनेश्वर महादेव मंदिर कुलाला पहुंची जहा सभी ने भगवान मनकामनेश्वर का जलाभिषेक करने के बाद कावड़ और कलश यात्रा का समापन हुआ।यात्रा आयोजक तेज यादव सरपंच ने बताया कि अच्छी वर्षा ,खुशहाली और देश में शांति और सद्भाव की कामना करते हुए यह कावड़ और कलश यात्रा निकाली है।इस कांवड़ यात्रा में ग्राम कुलाला,बुदासा, जिरवाय, पांडी,संवरसी,किशनपुरा, सहित अन्य ग्रामों के ग्रामीण और श्रद्धालु शामिल थे।