चित्तौड़गढ़। जिले के महाराज की नेतावल के निकट पाचली में मगरी पर स्थित श्री नाकोड़ा देवनारायण जी देव स्थल पर देवनारायण जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रात्रि जागरण व भजन संध्या अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस मौके पर मध्य प्रदेश के पेट पेटलावद क्षेत्र के एक रोगी को यहां गंभीर रोग से मुक्ति मिलने पर उसने एक निशक्तजन को तिपहिया वाहन भेंट किया। जिला मुख्यालय से करीब 28 कि मी दूरी पर नेतावल के निकटवर्ती पाचली में प्राचीन, चमत्कारिक श्री नाकोड़ा देवनारायण जी मंदिर पर आयोजन में बड़ी संख्या में राजस्थान सहित मध्य प्रदेश व सुदुरस्थ क्षेत्रों के श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि इस देव स्थल पर मनोकामना पूरी होती है और गंभीर रोगी भी रोग मुक्त हो जाते हैं। इसी का उदाहरण इस मौके पर यहां देखने को मिला जबकि मध्य प्रदेश के पेटलावद तहसील के करड़ावत ग्राम के बच्चू सिंह खोड़े को शरीर में लकवा हो जाने पर उसने श्री नाकोड़ा देवनारायण जी के यहां आकर रोग मुक्ति की प्रार्थना की और कुछ समय में ही बच्चू सिंह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए। इस पर उन्होंने देव स्थल पर रोग मुक्त होने की खुशी में किसी निःशक्त जन को अपनी ओर से नई तिपहिया वाहन भेंट करने की इच्छा जताई। पांचली गांव के बचपन से ही पोलियो की वजह से विकलांग, निःशक्त राधेश्याम गुर्जर को तिपहिया वाहन भेंट किया।पुजारी हेमराज गुर्जर ने विधिवत वाहन की पूजा कर निःशक्त जन को वाहन की चाबी सौंपी। देव स्थल पर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने पर उपकृत श्रद्धालुओं द्वारा जय जयकार के साथ पूजा अर्चना की।
उल्लेखनीय है कि श्री नाकोड़ा देवनारायण जी धर्म स्थल पर आधे तेल और आधे पानी से अखंड ज्योत निरंतर प्रज्वलित रहती है। अति प्राचीन एवं चमत्कारिक धर्म स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का वर्ष भर आवागमन रहता है।
पुजारी हेमराज गुर्जर बताते हैं कि वर्षों पूर्व यहां श्री नाकोड़ा भैरव जी भ्रमण विश्व भृमण के दौरान श्री पांचली की मगरी स्थित देवनारायण मंदिर पर विश्राम करते थे। कालांतर में यहां श्री नाकोड़ा भैरव जी एवं देवनारायण जी का मंदिर स्थापित किया गया और यहां आधे तेल व आधे पानी की ज्योत निरंतर जलती रहती है। मान्यता है कि यहां श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है, साथ ही विभिन्न गंभीर रोगों से पीड़ित रोगी भी यहां आकर रोग मुक्त होते हैं।
महाराज की नेतावल के निकट स्थित पांचली देव स्थल पर पहुंचने के लिए चित्तौड़गढ़ से माता जी की पांडोली, कश्मोर और तुम्बड़िया होकर तथा सिंहपुर , छापरी होकर बस मार्ग है। उदयपुर से आने जाने वाली ट्रेन का ठहराव भी महाराज की नेतावल होता हैं।