BREAKING NEWS
MANDI BHAV: एक क्लिक में पढ़े कृषि उपज मंडी मंदसौर के.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : दिव्यांगजनों के लिए श्रीकांत फिल्म का.. <<     KHABAR : जिले में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से सतत.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     BIG NEWS : कमिश्नर दीपक सिंह के फ़ैसले की हाईकोर्ट.. <<     REPORT : संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : मतगणना के लिए नियुक्त शासकीय सेवकों को.. <<     REPORT : कलेक्टर बाथम ने किया नाले तथा तालाबों का.. <<     NEWS : शतरंज की जिला स्तरीय अंडर-17 (ओपन एवं गर्ल्स).. <<     NEWS : विहिप मातृशक्ति दुर्गावाहिनी ने.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : शहर के सीएम राइज विनोबा स्कूल को शिक्षा.. <<     NEWS : तपती गर्मी में अघोषित बिजली कटोती से आमजन.. <<     NEWS : शहर में पानी की सप्लाई को लेकर जिला कलक्टर.. <<     KHABAR : राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : पटवा स्कूल की तनीषा पाटीदार ने 12 वीं.. <<     KHABAR : हाथीपावा पहाडी पर समन्वित रूप से.. <<    
वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन के लिए..
November 24, 2023, 10:48 am
KHABAR : पवित्र भाव बिना सकारात्मक आभा मंडल नहीं बनता, चातुर्मासिक मंगल धर्म सभा में आचार्य प्रसन्नचंद्र सागर जी ने कहा, प्रवचन सुनने के लिए प्रतिदिन उमड़ रही है समाजजनों की भीड़, पढ़े खबर 

Share On:-

नीमच। पवित्र भाव हो तभी दीक्षा संयम जीवन का पुण्य फलता है। चरित्र में दोष नहीं होना चाहिए।जीवन में अच्छे विचार का बहुत महत्व है। केवल धर्म स्थान में ही अच्छे विचार नहीं होना चाहिए, अपितु हर जगह रहना चाहिए। मैत्री भाव से सर्व प्राणी के सुख और शांति का भाव रखना अच्छे विचार का प्रतीक है। इससे आभामंडल सकारात्मक रहता है ।अच्छे वचन और भाषा का उपयोग भी सकारात्मकता लाता है।इससे संबंधों में सशक्तता आती है और वे दीर्घजीवी बनते हैं।
यह बातश्री जैन श्वेतांबर भीड़भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के तत्वावधान में बंधू बेलडी पूज्य आचार्य श्री जिनचंद्र सागरजी मसा के शिष्य रत्न नूतन आचार्य श्री प्रसन्नचंद्र सागरजी मसा ने कही। वे चातुर्मास  के उपलक्ष्य में मिडिल स्कूल मैदान के समीप पुस्तक स्थित जैनआराधना भवनघ्  में आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सौम्य यानी अच्छे व्यवहार से जीवन में रस पैदा होता है जो जीवन को सरल बनाता है ।व्यक्ति का सौम्य व्यवहार ही परिवार में स्नेह पैदा करता है सोम्य व्यवहार ही समस्याओं का असली समाधान है।जीवन में अच्छा पुण्य होता है तभी प्रवचन का सौभाग्य मिलता है चरित्र बिना मोक्ष नहीं होता है। विवाह की पूरी लग्नविधि वैराग्य का कारण है।प्राचीन काल में महिलाओं को स्वयंवर चयन का अधिकार रहता था। कर्म का फल सभी को भोगना पड़ता है चाहे वह तीर्थंकर या महान साधु संत क्यों ना हो।, संसार में व्यक्ति चाहे कितना ही बड़ा शूरवीर क्यों ना हो स्त्री के सामने सभी आदर भाव से सम्मान देते हैं और झुकते हैं और उनके विचारों का सम्मान करते हैं उनकी मर्यादा की रक्षा करते हैं।इसीलिए विवाहिता पत्नी की सहमति के बिना विवाहित पति की संयम दीक्षा स्वीकार नहीं की जाती है।
श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी  ने बताया कि धर्मसभा में तपस्वी मुनिराज श्री पावनचंद्र सागरजी मसा एवं पूज्य साध्वीजी श्री चंद्रकला श्रीजी मसा की शिष्या श्री भद्रपूर्णा श्रीजी मसा आदि ठाणा 4 का भी  चातुर्मासिक सानिध्य मिला। समाज जनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उपवास, एकासना, बियासना, आयम्बिल, तेला, आदि तपस्या के ठाठ लग रहे है। धर्मसभा में जावद ,जीरन, मनासा, नयागांव, जमुनिया,जावी, आदि क्षेत्रों से श्रद्धालु भक्त  सहभागी बने।धर्मसभा का संचालन सचिव मनीष कोठारी ने किया।

VOICE OF MP
एडिटर की चुनी हुई ख़बरें आपके लिए
SUBSCRIBE