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May 10, 2024, 8:09 pm
NEWS : प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप, हीट-वेव को ध्यान में रखते हुए पशुओं के बचाव हेतु एहतियात बरतें, पढ़े रेखा खाबिया की खबर 

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चित्तौड़गढ़। वर्तमान में प्रदेश में हीट-वेव को ध्यान में रखते हुए संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग चित्तौड़गढ डॉ दौलत सिंह राठौड़ ने बताया कि पशुओं में बचाव हेतु एहतियात बरतना जरूरी है। जैसे कि पशुओं को प्रातः 09 बजे से सांय 06 बजे तक छायादार स्थान यथा पेड़ो के नीचे अथवा पशुबाड़ो में रखा जावें। पशुबाड़ो में हवा का पर्याप्त प्रवाह हो तथा विचरण हेतु पर्याप्त स्थान की उपलब्धता हो। अत्यधिक गर्मी की स्थिति में विशेषकर संकर जाति के एवं उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले पशुओ के बाड़ो के दरवाजों-खिड़कियों पर पाल/टाटी लगाकर दोहपर के समय पानी का छिड़काव कराने से राहत मिलती है। भैंसवंशीय पशुओ को शाम के समय नहलाना लाभदायक होता है।
डॉ राठौड़ ने बताया कि पशुओ को दिन में कम से कम चार बार ठण्डा, शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिये, सूखे चारे के साथ-साथ कुछ मात्रा हरे चारे की भी दी जानी चाहिये ताकि पशुओ में कब्जी अथवा अन्य पाचन संबंधित व्याधियां उत्पन्न नहीं हो, भारवाहक पशुओ को यथासम्भव प्रातः एवं सांयकाल में काम में लिया जावें दोहपर के समय इन्हें आराम दिलाना चाहिये, पशुओ में तापघात की स्थिति होने पर तत्काल उन्हे छायादार स्थान पर ले जाकर पूरे शरीर पर पानी डाला जावें, सिर पर ठण्डे पानी से भीगा कपड़ा बारी-बारी से रखा जावें तथा यथाशीघ्र पशुचिकित्सक से उपचार कराना चाहियें, पशु चारा खाना बन्द करें अथवा सुस्त-बिमार दिखाई देवें तो बिना देरी किये निकटतम पशुचिकित्सालय से सम्पर्क स्थापित कर परामर्श एवं पर्याप्त उपचार प्राप्त करें।

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