नयागांव। नीमच जिले में इन दिनों सीसीआई फैक्टरी की नीलामी के लिए जारी केंद्र सरकार के आदेश के बाद से ही राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस नेत्री स्नेहलता विजय शर्मा ने भी बयान जारी कर भाजपा सरकार पर निधाना साधा है। उन्होंने नीलामी के इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि सीसीआई फैक्टरी बेची गई तो क्षेत्र की जनता को साथ लेकर नयागांव में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। भाजपा की सरकार महज सीसीआई फैक्टरी को ही नहीं बेच रही है, बल्कि हजारों युवाओं के सपनों को नीलाम कर रही है। यदि यह फैक्टरी पुनः चालू होती है तो इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
कांग्रेस नेत्री शर्मा ने सांसद सुधीर गुप्ता पर भी नीमच जिले के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। साथ ही स्थानीय विधायक ओमप्रकाश सकलेचा पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार जब से सत्ता में आई है तब से ही सरकारी उपक्रमों के बेचने का खेल जारी है। सीसीआई के स्क्रेप की नीलामी भी सोची समझी साजिश है। 23 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश के 28 उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने की घोषणा की थी। इसमें सीसीआई फैक्टरी भी शामिल है। इसके पूर्व 02 मार्च 2019 को केंद्र सरकार ने एक विज्ञप्ति भी जारी की थी। बंद पड़ी फैक्टरी निजी हाथों में सौंपने को लेकर केंद्र सरकार की नीति उजागर हो गई है। मंदसौर-नीमच के सांसद सुधीर गुप्ता सीमेंट फैक्टरी को शुरू करवाने का दावा कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ उनकी सरकार ने फैक्टरी बेचने की पूरी तैयारी कर ली है।
1976 में हुई थी फैक्टरी की स्थापना
कांग्रेस नेत्री स्नेहलता शर्मा ने बताया कि सीसीआई प्लांट की स्थापना कांग्रेस सरकार ने की थी। 1976 में यह फैक्टरी अस्तित्व में आई थी। उस समय इसकी लागत 460 करोड़ रुपए आंकी गई थी। 11 अक्टूबर 1980 को फैक्टरी में उत्पादन शुरू हुआ था। बिजली बिल बकाया और कर्ज में होने की वजह से यह फैक्टरी बंद हुई थी। सार्वजनिक विज्ञप्ति में 200 करोड़ में बेचने का उल्लेख किया है। चुनाव के समय सांसद ने फैक्टरी चालू करवाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेने का दावा किया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने नीमच के विकास पर ध्यान नहीं दिया। सीसीआई फैक्टरी को किसी भी हालत में बिकने नहीं देंगे।
बड़े स्तर पर होता था उत्पादन-
स्थानीय रहवासियों की मानें तो सीसीआई फैक्टरी में प्रतिदिन 11 से 12 मीट्रिक टन सीमेंट का उत्पादन होता था। 1997 में बिजली बिल बकाया होने पर कनेक्शन काट दिया और फैक्टरी बंद हो गई। इससे हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए। सीसीआई प्लांट के पास 400 हेक्टेयर जमीन है, जिसको भी निजी हाथों मे देने की तैय्यारी है। रोजगार तो छीनेंगे ही साथ में सैकडों परिवारों के बेघर होने तक की स्थिति निर्मित होते दिख रही है। शर्मा ने कहा कि हम तो मांग रखते है कि फैक्टरी पुनः चालू हो, जिससे की युवाओं को रोजगार मिले और क्षेत्र भी तरक्की करें।