नीमच। जिले के जावद सबजेल में 170 से अधिक कैदी भाईयों व जेल स्टॉफ के समक्ष ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने अपने संबोधन में कहा कि अपनी किसी कर्मेन्द्रियों के वशीभूत होकर भावावेश में अपराध क्रियान्वित हो जाता है । किन्तु यदि हम इन कर्मेन्द्रियों की मालिक आत्मा को महसूस कर अपने सर्वशक्तिवान पिता परमात्मा की याद में रहकर कर्मयोगी बन सकें तो सारे जीवन भर कभी कोई अपराध नहीं होगा और हमारा जीवन सदा खुशहाल व तनाव मुक्त रहेगा तथा किसी भी परिस्थिति में हम भावावेश में आकर अपना संतुलन नहीं खोऐंगे।
इस सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बी.के.श्रुति दीदी ने भी अपने व्यवहारिक संबोधन में कहा कि सुख-शांति व तनाव मुक्ति हमारे जीवन में राजयोग ध्यान पद्धति को अपनाकर सहज ही प्राप्त की जा सकती है । बी.के.श्रुति दीदी ने सभी कैदी भाईयों से हाथ उठाकर प्रतिज्ञा करवाई कि ‘‘आज से इस ईश्वरीय शक्ति सम्पन्न रक्षासूत्र को धारण करने के पश्चात हम अपने मनोविकारों पर सदा विजयी रहेंगे तथा किसी भी प्रकार के व्यसन अथवा कोई भी अपराध भविष्य में नहीं करके अपने जीवन को समाजोपयोगी बनाकर सभी की दुआऐं प्राप्त करेंगे ’’ कार्यक्रम के प्रारंभ में सबजेल के जेलर डॉ. अंशुल गर्ग ने जेल में कैदीयों की सेवार्थ पधारी समस्त ब्रह्माकुमारी बहनों का शब्द पुष्पों के साथ ही तुलसी का पौधा देकर स्वागत किया तथा कहा कि हमें यह आध्यात्मिक सानिध्य व मार्गदर्शन यदि समय समय पर मिलता रहे तो अवश्य ही सभी के आचरण में सकारात्मक बदलाव हो सकेगा । आपने कहा कि यह ईश्वरीय रक्षासूत्र सर्वप्रथम मुझे बांधा जाए ताकि मैं अपने कर्तव्य का निर्वहन उचित रूप से कर सकूं । इसके पश्चात बी.के.सविता दीदी, बी.के. श्रुति दीदी, मेघना बहन, योगिता बहन एवं समता बहन ने सभी जेल स्टॉफ व कैदी भाईयों को आत्म स्मृति का तिलक लगाकर विशेष रूप से स्व हस्तों से निर्मित पवित्र रक्षासूत्र बांधा एवं पवित्र प्रसादी खिलाकर मुंह मीठा कराया।