नीमच। उच्च राजनैतिक एवं प्रशासनिक संरक्षण के चलते सम्पूर्ण प्रदेश में चाहे वो स्टेट हाइवे हो या राष्ट्रीय राज मार्ग वर्तमान में मानक अनुसार सड़क न होने पर भी आवागमन के दौरान वाहन चालकों से टोल बूथ पर गुंडागर्दी के दम पर अवैध रूप से टोल शुल्क वसूला जा रहा है और उसकी शिकायतों पर सुनवाई न होने से उन्हें अवैध टोल शुल्क देना पड़ रहा है। उसी समस्या के निदान के लिए कुछ जिम्मेदार सजग आम जनता के नुमाइंदे सुप्रीम कोर्ट तक न्याय के लिए अपनी याचिका लगाते है लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारी तय न होने से उस फैसले का धरातल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता और अवैध टोल वसूली निरंतर जारी रहती है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा की अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में स्पष्ट कहा है की यदि हाइये की हालत ख़राब है तो वाहन चालकों से टोल नहीं वसूला जा सकता। लेकिन सवाल यह उठता है की इस प्रकार के कई फैसले पूर्व में भी अखबारों की सुर्खिया बने है लेकिन अवैध टोल वसूली का गोरखधंधा बदस्तूर जारी है क्योँकि अभी तक न कोर्ट ने और न ही प्रशासन ने इसके लिए किसी की जिम्मेदारी तय की है और जब तक किसी की जिम्मेदारी तय नहीं होंगी यह अवैध टोल वसूली का खेल उच्च राजनीतिक एवं प्रशासनिक संरक्षण के चलते बदस्तूर जारी रहेगा क्योँकि यह सब जानते है की इन टोल के मालिक या तो कोई राजनेता का भाई है या कोई रिश्तेदार और जब तक इन पर अंकुश नहीं लगेगा सजा नहीं मिलेंगी टोल कम्पनिया ब्लैक लिस्टेड नहीं होंगी तब तक टोल माफिया इसी प्रकार से प्रदेश में भी अवैध टोल वसूली करता रहेगा।
अग्रवाल ने कहा की इसकी प्रमाणिकता देखिये की प्रदेश में लगभग 80 प्रतिशत हाइवे आज की तारीख में मानक अनुसार नहीं है और उनपर बड़े बड़े खड्डे हो गए है, ब्लैक स्पॉट है फिर भी अवैध टोल वसूली निरंतर जारी है और जब कोई सुप्रीम कोर्ट का हवाला देता है तो जवाब दिया जाता है की जा बीटा अभी तो टोल दे दे और सुप्रीम कोर्ट को बोल यंहा से निकलना है तो टोल तो देना होगा और जब वह ज्यादा बहस करता है तो उस वाहन चालक के साथ टोल पर गुण्डातत्वो द्वारा सामूहिक सरूप से उसकी लाठियों खतिरदारी कर दी जाती हैं।
अग्रवाल ने जानकारी में बताया की निम्बाहेड़ा से मंगलवार, निम्बाहेड़ा से चित्तौरगढ़, नायगाव से भोपाल तक चले जाओ आपको इसकी प्रमाणिकता स्वतः मिल जावेंगी की किस प्रकार से सडको में खड्डे होने, मानक अनुसार सड़क का निर्माण न होने, ब्लैक स्पॉट के होने पर और क्रासिंग पर ओवरब्रिज न होने पर भी अवैध टोल वसूली बदस्तूर जारी है और इन जिलों के जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी आँख मूंदकर अवैध टोल वसूली का नजारा देख रहे है वो सिर्फ इसमें ही खुस है की उनका टोल नहीं लगता और जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी इन्ही राजनेताओ के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे है क्योंकि उन्हें फील्ड मे रहने के लालच के कारन सचिवालय में बैठने से डर लगता है।
अग्रवाल ने कहा की अब समय आ गया है जब अपने अधिकारों के लिए आम जनता को स्वयं इस अवैध टोल वसूली के खिलाफ संगर्ष करना पड़ेगा। इन राजनेताओ के भरोसे रहने से कुछ नहीं होगा और यह राजेनता और प्रशासनिक अधिकारी पूर्व की तरह ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते रहेंगे।