सागर। बारदा में अवैध क्रशर से करंट लगने के मामले में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनके भांजे लखन सिंह ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने सागर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को फटकार लगाई है।
आयोग ने मुख्य सचिव अनुराग जैन को चिट्ठी लिखी है। जिसमें कहा है कि इस घटना में करंट लगने से हाथ कटवाने को मजबूर हुए मानस शुक्ल के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता क्यों न दी जाए?
आयोग ने सागर कलेक्टर संदीप जीआर को इस मामले में जिम्मेदार मानते हुए उनके विरुद्ध डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग) में कम्प्लेंट कर कार्रवाई के लिए पत्र लिखने को कहा है।
अवैध खनन के लिए पूर्व मंत्री ने खींची लाइन
आयोग ने कहा है कि मानस के पिता राकेश शुक्ला ने शिकायत की है कि विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर और उनके भांजे लखन सिंह ठाकुर द्वारा किए जा रहे अवैध खनन के लिए यह बिजली लाइन खींची गई थी।
जिसकी जानकारी के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। राकेश और उसके परिजनों को धमकाया गया कि ज्यादा शिकायत की तो थ्प्त् करा देंगे। जान से मारने की धमकी भी दी गई।
मानव अधिकार आयोग ने अपनी जांच के बाद कहा है कि इस केस में पुलिस और प्रशासन ने पांच महीने तक टालमटोल किया और थ्प्त् दर्ज नहीं की। सरकार यह बताए कि आखिर इस मामले में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई?
10 लाख मुआवजा क्यों न दें, दलील मानने योग्य नहीं
9 अगस्त को भेजे गए नोटिस में यह भी कहा है कि मानस शुक्ला के परिवार को 10 लाख का मुआवजा क्यों न दिया जाए।
मामले को लेकर डीजीपी को एफआईआर कराने के लिए निर्देशित किया है। कहा है कि 23 अगस्त तक सरकार इस मामले में जवाब दें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
विधायक भूपेंद्र सिंह ने झूठे आरोपों वाले पत्र भेजे
आयोग ने पूरे घटनाक्रम को सत्ता के दुरुपयोग और जनता के भरोसे से खिलवाड़ का वाला मामला बताया है।
आयोग ने यह भी ध्यानाकर्षित किया है कि खुरई के विधायक भूपेंद्र सिंह ने झूठे आरोपों वाले पत्र भेज कर आयोग की कार्यवाही को प्रभावित करने का प्रयास किया है।
आयोग ने नोटिस में यह भी कहा है कि आयोग के विचार में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सागर द्वारा यह दलील कि शिकायत कर्ता ने कोई शिकायत प्रस्तुत नहीं की, असमर्थनीय है।
इस मामले में एफआईआर दर्ज होना इसलिए भी आवश्यक है ताकि बालक संबंधित विभाग से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सके।
सागर कलेक्टर-एसपी घोर लापरवाह
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने इस पूरे मामले में सागर कलेक्टर और एसपी दोनों को ही घोर लापरवाह बताते हुए नाराजगी जताई है।
मुख्य सचिव जैन को भेजे नोटिस में कहा है कि सागर जिले के बीना थाना क्षेत्र के बारदा गांव में क्रशर के लिए खींची गई हाईटेंशन बिजली लाइन में तार खुले छोड़कर रखे थे।
जिसके पास से गुजरते समय 1 जनवरी 2025 को 14 साल का बच्चा मानस शुक्ला का गंभीर रूप से झुलस गया था और बेहोश भी हुआ था।
घटना के बाद बीना अस्पताल के चिकित्सकों ने थाने को सूचना भी दी थी लेकिन पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने एफआईआर दर्ज नहीं की।