अशोकनगर। जहां एक और वर्तमान समय में शिक्षा को लेकर शासन ओर प्रशासन काफी सख्त देखा जा रहा है और बच्चों को पढ़ाने के लिए शासन एवं प्रशासन द्वारा कई योजनाएं चला कर उन्हें शिक्षित करने की कवायत की जा रही है। तो वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कुछ प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी पर उतारू है। कम पढ़े-लिखे अभिभावकों की नादानी का फायदा उठाते हुए जरा से लालच के पीछे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं और फर्जीवाडे कर बच्चों का जीवन दाव पर लगा रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा ही फर्जीवाडे का एक मामला अशोकनगर जिले की मुंगावली तहसील का है। जहां पर एक विन्नी नाम की बच्ची सन 2022-23 में नंदिनी कान्वेंट स्कूल से कक्षा 5 की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण करती है और सन 2024-25 में उसे दूसरे स्कूल (संस्कार कान्वेंट स्कूल मुंगावली) के द्वारा उसका वैष्णवी के नाम से फर्जी प्रवेश पत्र जारी करवा कर फर्जी तौर पर परीक्षा दिलवा कर कक्षा 8 बोर्ड की परीक्षा दिलवा दी जाती है और उत्तीर्ण की अंक सूची जारी करवा दी जाती है। जबकि नियम अनुसार सन 2024-25 में बच्ची को कक्षा 7 की परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिए था।
जहां तक प्रकरण की सत्यता की बात है तो बच्ची की समग्र आईडी (101394957) के माध्यम से किसी के भी द्वारा सन 2022-23 में कक्षा 5 की बोर्ड मार्कशीट और सन 2024-25 में कक्षा 8 की बोर्ड की मार्कशीट राज्य शिक्षा केंद्र बोर्ड एमपी से डाउनलोड की जा सकती है और उसको जाँचा जा सकता है कि दो बर्ष के अंतराल में ही बच्ची को बोर्ड से कक्षा 5 और 8 दोनों उत्तीर्ण करवा दी गई हैं। संस्कार स्कूल द्वारा बच्ची की समग्र आईडी पर बच्ची का नाम और जन्मतिथि से भी छेड़छाड़ कर उसे परिवर्तित किया गया है।
तो वही आपको बता दे कि यदि इस बच्ची का भविष्य में कहीं शासकीय नौकरी में चयन हो जाता है तो उसके पीछे वेटिंग में दर्ज बच्चा उसकी मार्कशीटों की अनियमियता को उजागर करके उसकी नौकरी को छीनकर स्वयं उस जगह पर चयनित हो जाएगा। और इस प्रकार उस बच्ची के जीवन भर की मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी।
इस संबंध में जब शिक्षा अधिकारी श्रीपाल सिंह सोलंकी (बीआरसी) से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपके द्वारा यह मामला संज्ञान में आया है हम इसकी जांच करेंगे और जो वैधानिक कार्रवाई होगी वह की जाएगी।
अब सोचने वाली बात यह भी है कि मीडिया द्वारा ऐसे फर्जीवाड़े की खबर अधिकारियों को दी जा रही है तो फिर शिक्षा केंद्र में बैठे वरिष्ठ अधिकारी क्या कर रहे हैं। जबकि इस बच्ची का पीएम श्री शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की 9वी क्लास में एडमिशन हो चुका है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे स्कूलों के खिलाफ शासन दस्तावेजी साक्ष्य होने के बाद भी कोई कार्रवाई करने की और अग्रसर होता है या फिर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने के लिए उन्हें बढ़ावा देता है।