गुना। जैन समाज ने हाल ही में हुई उस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है जिसमें आचार्य विद्यासागर महाराज के संघ की प्रतिमाधारी ब्रह्मचारिणी रेखा दीदी का पुतला जलाया गया और फोटो पर कालिख पोती गई। समाज ने इसे साधना और मर्यादा का गंभीर अपमान बताया।
घटना की शुरुआत पड़ोसी जिले अशोकनगर में हुई थी, जहां एक धार्मिक कार्यक्रम में जैन संतों पर अभद्र टिप्पणी की गई थी। इसके विरोध में गुना में युवाओं ने पुतला दहन किया। लेकिन अगले दिन एक अन्य समूह ने रेखा दीदी का पुतला फूंककर स्थिति और बिगाड़ दी।
समाज ने कहा- यह गुमराह लोगों का काम
सोमवार को महावीर भवन में हुई आपात बैठक में जैन समाज की प्रबंधकारिणी समिति ने साफ कहा कि इस कृत्य को पूरे समाज से जोड़ना गलत है। यह महज कुछ स्वार्थी और गुमराह व्यक्तियों की हरकत है, जिनकी संख्या 50 भी नहीं थी। समिति ने कहा कि गुना जैन समाज साधु-भक्त था, साधु-भक्त है और साधु-भक्त ही रहेगा।
ब्रह्मचारिणी रेखा दीदी का योगदान याद दिलाया
समिति ने स्पष्ट किया कि रेखा दीदी जैन धर्म में पांचवें गुणास्थान की साधिका हैं और वर्षों से संयम-साधना के मार्ग पर समाज को प्रेरित कर रही हैं। वर्ष 2022 के पत्रकांड प्रकरण की सच्चाई उजागर करने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। उसी समय से कुछ लोग उनसे व्यक्तिगत शत्रुता रखते हैं और बदले की भावना से यह कृत्य कर रहे हैं।
श्रद्धालुओं ने जताया समर्थन, कहा- शर्मनाक घटना
बैठक में मौजूद श्रद्धालुओं ने हाथ उठाकर और तालियां बजाकर इस कृत्य का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जैन समाज के इतिहास में पहली बार किसी साधिका का अपमान हुआ है। यह केवल रेखा दीदी ही नहीं, बल्कि आचार्य विद्यासागर महाराज और पूरी परंपरा का अपमान है।
एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन
बैठक में समाज ने सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया और एसडीएम शिवानी पांडे को पत्र सौंपा। इसमें साफ लिखा गया कि यह घटना पूरे जैन समाज की नहीं बल्कि कुछ गुमराह लोगों की करतूत है, जिन्होंने सकल दिगंबर जैन समाज के नाम का दुरुपयोग किया है।