नीमच। ग्रहण को देखते हुए मंगलवार को सुबह से सूतक काल माना गया। सुबह से मंदिरों के पट बंद कर दिए गए। कई मंदिरों में दरवाजे नहीं खोले गए तो कुछ में पर्दे लगा दिए गए। रोज होने वाली पूजा-अर्चना को रोक दिया गया। शाम को ग्रहण के बाद पट खोले गए। इसके बाद भगवान का अभिषेक पूजा-अर्चना, आरती व श्रृंगार किया गया।
विद्वान पंडितों ने बताया कि मंगलवार को चंद्रग्रहण दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर शुरू हुआ और शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहा। लगभग चार घंटे का यह ग्रहण रहा। भारत में चंद्रोदय संध्याकाल में होगा। इसलिए भारत में यह चंद्रग्रहण स्पष्ट रूप से लगभग शाम 5.30 से 6.20 के मध्य दिखाई दिया। इस चंद्रग्रहण का सूतक मंगलवार सुबह 8 बजकर 29 मिनट से लगा। इसको लेकर पूरे दिन मंदिर के पट बंद रहें और शाम 6.19 के बाद ग्रहण का मोक्ष होने पर ही मंदिरों के कपाट खोले गए।