चित्तोडगढ़। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय प्रतापनगर सेवा केन्द्र पर अजमेर सबजोन प्रभारी ब्रह्माकुमारी शान्ता दीदी, बी.के.काजल, संचिता, रिंकी, व हेमन्त भाई का बी.के.आशादीदी, अनिता दीदी, मन्जु बहन, बालकिशन, रामेश्वर, भगवती, व प्रहलाद भाई ने स्वागत किया।
बी.के.शान्ता दीदी ने बताया कि पिछले 65 वर्षाे से ईश्वरीय कार्याे मे समर्पित जीवन रहा लेकिन कभी भी परमात्मा के कार्य में संशय नही आया है। हमेंशा मजबुत बनकर भगवान के कार्य मे लगी रही। उन्होने बताया कि हम सब आत्माएॅ उस परमात्मा शिव की संतान है वह परमात्मा हम सभी का पिता है। यह सारा संसार हमारा परिवार हैं। हम सभी उस आत्माएं परमात्मा के धाम परमधाम से इस सृष्टिरूपी नाटक मे शरीर लेकर अपना पाट बजाने आये हैं। आत्मा अजर, अमर , अविनाशी है। आत्मा ही एक शरीर छोड दुसरा धारण करती हैं। मृत्यु केवल शरीर की होती है। आत्मा शरीर मे जब प्रवेश करती है तो जीवन की शुरूआत होती है और आत्मा जब शरीर छोड देती है तो इसे ही जीवन का अन्त कहते हैं। परमात्मा शिव द्वारा सिखाया जा रहा है सहज ज्ञान योग को यदि हम जीवन मे धारण कर ले तो हमे जीवन मे किसी भी परिस्थिति में दुःख नही हो सकता है। हमारे दुखो का मुख्य कारण हैं। हम जो असत्य है उसे सत्य मान लेते हैं और जो सत्य है उसे अनदेखा कर देते हैं। जीवन मे परमात्मा के ज्ञान व योग को धारण कर ले तो हमे कभी दुख नही हो सकता है। हमंे रोज प्रातः जल्दी उठ कर परमात्मा का ध्यान व परमात्मा का ज्ञान सुनना चाहिए। जिससे हमारा जीवन सुखमय लगने लगता है। अन्त मे बी.के.आशा दीदी ने सभी भाई बहनो की ओर से शान्ता दीदी का आभार व्यक्त किया।