भवानीमंडी। दिनांक 12 जनवरी 2023 गुरुवार को स्थानीय भवानी मण्डी शहर में हम सभी के प्रेरणा स्त्रोत एवं युवा शक्ति के प्रेरक स्वामी विवेकानन्द जयंती मनाई गई। जिसके मुख्य वक्ता मनोहरसिंह चौहान रहे कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गिरिराज सुमन रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य रामस्वरूप सोनी ने की। इस युवा शक्ति दिवस के पावन अवसर पर विद्या भारती के विद्यालय के छोटे-छोटे भैया/बहिनों द्वारा चल झांकी के माध्यम से भवानी मण्डी की पावन वसुधा पर शोभा यात्रा निकाली गई।
शोभा यात्रा में भैया/बहिनों ने विवेकानन्द का स्वरूप धारण कर विभिन्न मार्गों से मार्चफास्ट किया। वहीं कुछ भैयाओं ने छोटे सरदार बन कर नृत्य किया। भवानी मण्डी के समानिय नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया और शोभा यात्रा की भूरी-भूरी प्रशन्सा की। शोभा यात्रा के पश्चात विद्यालय के पवित्र प्रांगण में सभी भैया/बहिनों को स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर पाथेय प्रदान किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मनोहर सिंह ने बताया है कि आज हम सभी ऐसे महान विभूषित महापुरुष की जयन्ती मना रहे है जिन्होंने भारत राष्ट्र के युवाओं में एक क्रांति का संचार किया, धर्म के प्रति, राष्ट्र के प्रति और शिक्षा के प्रति प्रेरणा दी।
चौहान ने स्वामी के जीवन की कुछ बातें भी बताई। स्वामी ने धार्मिक विकास को शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य माना। वे चाहते थे कि प्रत्येक व्यक्ति उस सत्य अथवा धर्म को मालूम कर सके जो उनके अन्दर दिया हुआ है। उसके लिए उन्होंने मन तथा हृदय के प्रक्षिक्षण पर बल दिया और बताया कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जिसे प्राप्त करके बालक अपने जीवन को पवित्र बना सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामस्वरूप सोनी ने विवेकानन्द के जीवन से शिक्षा लेने की बात कही और कहा है कि जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी बड़ी होगी।भैया/बहिनों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जैसा तुम सोचते हो वैसे ही बन जाओगे। खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है। जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते। इसलिए पढ़ाई में मन लगाकर दिन-रात मेहनत करो और तब तक मत रुको जब तक तुम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लो।
विशिष्ट अतिथि गिरिराज सुमन ने भैया/बहिनो को कहा है कि आप सभी अपने माता-पिता के समान को उत्तरोत्तर बढ़ाओ गुरुजनों की कीर्ति पताका गगन में फराओ स्वामी विवेकानन्द के पद चिन्हों पर चलो एवँ उनके बताए गए मार्गों को चुनों।
समापन के पश्चात शांति पाठ कर मिठाई वितरण की गई।