मध्य प्रदेश के लिए आने वाले दिन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योकि पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी के चाणक्य अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का एमपी दौरा होने वाला है। वैसे इन तीनो बड़े नेताओ का दौरा अलग अलग कारणों से है लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि एमपी में भी नवम्बर में पांच राज्यों के साथ विधानसभा चुनाव होने है और ये राज्य बीजेपी के लिए अग्नि परीक्षा होंगे। कर्नाटक में करारी हार से घबराई भाजपा एमपी सहित अन्य राज्यों में अब कोई कोर कसर नहीं रखना चाहती। इसी के चलते अब दिल्ली की नज़र एमपी पर टिकी है।
जैसा कि पहले खबरे आयी की एमपी में सीएम का चेहरा बदल सकता है या फिर प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की विदाई हो जायेगी, लेकिन दिल्ली के पास अब इन सब कामो को करने के लिए समय बचा नहीं है। ऐसे में लगता है, फिलहाल सीएम शिवराज सिंह चौहान ही रहेंगे और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा। लेकिन खबरे यह है कि चुनाव के लिए कोई सुपर पावर कमेटी अस्तित्व में आ जाए, जिसके मुखिया केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हो। वैसे बीजेपी सभी पांच राज्यों का चुनाव नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ेगी, वहाँ किसी स्थानीय चेहरे को सीएम का चेहरा नहीं बनाया गया है और जो नेता इन राज्यों में फिलहाल काम कर रहे है वो करते रहेंगे।
ऐसी स्थिति में यह साफ़ हो चला है कि बीजेपी इन्ही पुराने चेहरों के दम पर एमपी में किला लड़ाएगी और मैदान मारने के लिए जी जान से जुटेगी। भले यूँ चेहरा पीएम मोदी का रहेगा, लेकिन स्थानीय स्तर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान जनता की कसौटी पर कसे जाएंगे। वे इस बार मामा की जगह भैया की भूमिका में है और प्रदेश की आधी आबादी को फोकस किये हुए है। यही कारण है कि वे हर मंच से लाड़ली बहना योजना का बखान करते दिखते है।
वैसे अभी स्थिति यह साफ़ नहीं है कि जो बीजेपी के विधायक और मंत्री है वो चुनाव मैदान में फिर से होंगे या नहीं या फिर बीजेपी तमाम सर्वे रिपोर्टो को खारिज करते हुए पुराने चेहरों पर ही दांव आज़माएगी या फिर कैलाश विजयवर्गीय जैसे कुछ दमदार चेहरों को विधानसभा लड़वाएगी। अभी दिल्ली की मंशा का पता किसी को नहीं है, पर जानकार बताते है कि एमपी में शीर्ष स्तर पर भले परिवर्तन न किया हो पर दिल्ली एमपी चुनाव को लेकर अपना रोड मेप तैयार कर चुकी है जिसका खुलासा जल्द हो सकता है।