इंदौर | प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को भोपाल में पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ के आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए थे। जिसके बाद अब उनके यहीं पोस्टर इंदौर में भी लगाए गए है। जिसमें कमलनाथ को वांटेड और करप्शन नाथ बताया गया है। इंदौर में यह पोस्टर किसने लगाए यह अभी पता नहीं चल पाया है। लेकिन कांग्रेस ने इसे भाजपा की चाल बताया है।
भोपाल के बाद अब इंदौर में भी पोस्टर वॉर शुरू हो गया है। इंदौर में देर रात अज्ञात लोगों के द्वारा शहर में कमलनाथ को वांटेड और वांछित नाथ बताते हुए पोस्टर लगाए गए है। इंदौर में हाईकोर्ट के बाहर, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के नजदीक करीब 100 के आसपास पोस्टर चिपकाए गए हैं। इसी तरह के पोस्टर शहर के अन्य चौराहों में लगे होने की बात भी सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि यह पोस्टर शुक्रवार रात में लगाए गए हैं। जिसके बाद शनिवार अल सुबह पूर्व सीएम कमलनाथ के विवादित पोस्टर को लेकर कांग्रेस नेता थाने पहुंच गए। शहर कांग्रेस नेताओं ने एमजी रॉड थाना पर लिखित शिकायत आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है की विवादित पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
शहर कांग्रेस प्रभारी महेंद्र जोशी ने बताया कि शरारती तत्वों द्वारा हमारे प्रिय नेता प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आपत्तिजनक पोस्टर इंदौर हाईकोर्ट के गेट पर और एसपी ऑफिस के करीब चस्पा किए हैं। यह अत्यंत दुख और आक्रोश का विषय है। कमलनाथ के आपत्तिजनक पोस्टर लगाने के विरोध में पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की माँग की है। वहीं कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह अपनी ओर से कार्यवाही करते हुए ऐसे पोस्टर लगाने वालों को गिरफ्तार करें और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दें। अगर वह ऐसा करने में विफल होते हैं तो मध्य प्रदेश की जनता के सामने स्पष्ट हो जाएगा यह सब काम उनके इशारे पर हो रहा है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा कि कमलनाथ के आपत्तिजनक पोस्टर लगवा कर भाजपा ने दिखा दिया है कि वह राजनीति के कितने भी निचले स्तर पर जा सकती है। जिस व्यक्ति ने पिछले 44 साल से अपने खून पसीने से मध्यप्रदेश की माटी की सेवा की है और रात दिन प्रदेश के नव निर्माण के लिए तपस्या की है, उसकी छवि बिगाड़ने की कोशिश मध्य प्रदेश की अस्मिता पर हमला है। यह मध्यप्रदेश का अपमान है। इंदौर में पुराने एसपी ऑफिस, रीगल चौराहे और जिला न्यायालय परिसर के मुख्य द्वार और दीवारों पर इस तरह पोस्टर चस्पा किया जाना जहां 24 घंटे पुलिस की सतत निगरानी रहती है। इसका क्या अर्थ समझे..??