भोपाल | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, लाड़ली बहना जैसी योजना महिलाओं पर अहसान नहीं, इन वर्गों का हक है। कमजोर वर्गों की न्यूनतम जरूरतें पूरी हों, यह सरकार और समाज की ड्यूटी है। रविवार को जी 20 के वर्किंग ग्रुप सी-20 की समिट के समापन सत्र में सीएम ने कहा कि दुनिया के संसाधन सभी में बराबर नहीं बांट सकते, पर जिनके पास अभाव है, उनकी मदद होनी चाहिए।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मुख्यमंत्री मूलतः सेवा योगी हैं। चौहान का जनता के लिए अपनत्व है, इसलिए ही उन्हें मामा कहते हैं। कार्यक्रम में रतलाम के सैयद शाहिद मीर, डॉ. अंबर पारे, जीशान निज, प्रमांशु शुक्ला, मोहन सोनी सहित 12 समाज सेवियों का सम्मान सीएम द्वारा किया गया।
सेवा के लिए वैश्विक प्लेटफॉर्म बने
सेवा समिट के नेशनल को-ऑर्डिनेटर संतोष गुप्ता ने समापन के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि कुल 7 अनुशंसाएं की गई हैं। राष्ट्रों के बीच क्रॉस-कंट्री लर्निंग, वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को बढ़ावा देने वाले नागरिकों/स्वैच्छिक संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित करना, राज्य स्तरीय सेवा अभियान का आयोजन करना आदि शामिल हैं।
‘ग्रीन एनर्जी अवेयरनेस पर करेंगे काम’
समिट का हिस्सा रहे शैलेश सिंघल ने कहा कि पूरी दुनिया में यूथ को ग्रीन एनर्जी के लिए अवेयर करना जरूरी है। सिलीगुड़ी से शुरू हुआ उनका यूथ फॉर ग्रीन हाइड्रोजन इनिशिएटिव सालभर में 78 देशों में युवाओं को ग्रीन हाइड्रोजन के लिए अवेयर कर चुका है। सिंघल ने यूएन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस को मिटटी का कुल्हड़ भेंट किया था। शैलेश और 40 युवाओं का समूह कमजोर तबकों को ग्रीन टेक्नोलॉजी से जोड़कर रिसाइकल्ड स्टेशनरी सामग्री आदि पर काम कर रहा है।