इंदौर | नगर निगम द्वारा शहर की 531 काॅलाेनियों के रेट जोन में बदलाव के खिलाफ कांग्रेस ने दोपहर को निगम मुख्यालय का घेराव कर महापौर का पुतला फूंका। रेट जोन में हुए बदलाव के कारण इन काॅलाेनियों में संपत्ति कर में 30 से लेकर 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।
प्रदर्शन को देखते हुए सुबह से ही पुलिस के आला अधिकारी और कई थाना प्रभारियों को कांग्रेस के नगर निगम मुख्यालय के घेराव के पहले निगम के बाहर ड्यूटी पर लगाने के साथ ही बैरिकेडिंग करा दी थी। वहीं प्रदर्शन के दौरान जब पुलिस ने देखा कि कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन उग्र हो रहा है तो पुलिस द्वारा बुलाई गई वाटर कैनन से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को खदेड़ा गया। वहीं पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग भी किया गया। निगम मुख्यालय के घेराव में पूर्व मंत्री विधायक जीतू पटवारी भी शामिल हुए। इस दौरान इंदौर महापौर का पुतला भी दहन किया गया। दो बार वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। जिससे राजू भदौरिया, पिंटू जोशी, स्विप्नल कांबले, रमीज खान, साक्षी शुक्ला, अमित चौरसिया, चिंटू चौकसे सहित कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता घायल हुए हैं।
निगम मुख्यालय पर कांग्रेसियों ने फूंका महापौर का पुतला।
प्रदर्शन में विधायक संजय शुक्ला नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, सहित कांग्रेस पार्षद और कार्यकर्ता मौजूद है। रेट जोन में बदलाव की वजह से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की दरों में भी 30 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। कांग्रेस इसी का विरोध कर रही है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे का कहना है कि एक तरफ तो महापौर दावा कर रहे हैं कि निगम ने नागरिकों को राहत देते हुए कोई नया कर नहीं लगाया है दूसरी तरफ गुपचुप तरीके से रेट जोन में बदलाव कर शहर की 531 कालोनियों के लाखों लोगों पर कर की मार पड़ रही है। कांग्रेस इस बदलाव का विरोध करती है। हमने इस संबंध में कुछ दिन पहले ही महापौर को ज्ञापन देकर बदलाव का विरोध किया था। इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। अब कांग्रेस मैदान में उतर चुकी है। प्रदर्शन के दौरान निगम में आवाजाही के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। कांग्रेस विरोध में महापौर का भी घेराव करने का प्रयास कर रही है।
पुलिस ने वाटर कैनन से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा।
निगम सुविधा बढ़ाने के नाम पर खोद रही गड्ढे
चौकसे ने आरोप लगाया कि निगम सुविधाएं देने के नाम पर शुल्क बढ़ा रहा है दूसरी तरफ आमजन को कोई सुविधा नहीं मिल रही। सुविधा बढ़ाने के नाम पर सड़कों पर जो गड्ढे खोदे जा रहे हैं, उन्हें भरा तक नहीं जा रहा। इदरीस नगर में हुआ हादसा इसी का परिणाम है। यह ही मौत के गड्ढे पूरे शहर में खुदे पड़े हैं। निगम हर बार किसी हादसे के बाद व्यवस्था सुधारने के बजाय दिखावटी कार्रवाई कर देता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।