सीहोर | कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में 3 दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव का सोमवार को समापन हो गया। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार सुबह से शाम तक गुरु दीक्षा का क्रम चलता रहा। दीक्षा समारोह में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आकर सामूहिक रूप से गुरुमंत्र लिया और तीन दिन तक चल इस महोत्सव में दस लाख से अधिक श्रद्धालु धाम पर पहुंचे और बाबा से प्रार्थना की।
सोमवार को प्रवचन के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि संकट के समय गुरु नहीं गुरु मंत्र काम आता है। शहर में गीता बाई पाराशर रही जो जगह-जगह भोजन बनाने का कार्य करती थीं। उन्होंने श्रीमद भागवत कथा का संकल्प लिया था पर पैसा नहीं था। उन्होंने कथा करवाई, उस समय न भागवत थी न ही धोती कुर्ता। उन्होंने कहा कि पहले आप गुरु दीक्षा लीजिए, गुरु दीक्षा लेने हम इंदौर गोवर्धन नाथ मंदिर गए। वहां से दीक्षा ली। मेरे गुरुजी ने ही मुझे धोती पहनना सिखाई, और उन्होंने छोटी सी पोथी मेरे हाथ में दे दी। आज गुरु दीक्षा का आशीर्वाद है कि मुझे आप सभी का स्नेह और प्रेम मिल रहा है और हम सभी भगवान शिव की महिमा का वर्णन कर रहे हैं।
ज्ञान की बात कही
दुष्ट प्रवृत्ति के लोग दूसरों के दिलों को चोट पहुंचाने वाली, उनके विश्वासों को छलनी करने वाली बातें करते हैं, दूसरों की बुराई कर खुश हो जाते हैं। मगर ऐसे लोग अपनी बड़ी-बड़ी और झूठी बातों के बुने जाल में खुद भी फंस जाते हैं।
मनुष्य अपना ही मित्र और शत्रु है। यदि वह साधना करता है, अपना जीवन हर तरह से संतुलित और ईश्वरीय नियमों के अनुकूल बिताता है तो वह अपना मित्र है, लेकिन यदि वह खान-पान से लेकर आचार-व्यवहार तक में अराजक है तो वह स्वयं अपना ही शत्रु है।