नीमच | मनुष्य के जीवन में दान का एक बड़ा महत्व बताया गया है। वह अपनी स्वेच्छा से अलग-अलग प्रकार के दान करके समाज कल्याण तथा अपने स्वयं के लिए आत्म संतुष्टि प्राप्त करता है। लेकिन इन्हीं सभी दान में से रक्तदान को महादान बताया गया है। क्योंकि रक्त दुनिया की किसी भी फैक्ट्री में नहीं बनाया जा सकता और ना ही इसका पैदा किया जा सकता यह एक व्यक्ति के द्वारा दान से दूसरे व्यक्ति की जान बचाने के लिए काम आता है। वैसे तो नीमच जिला रक्तदान में अव्वल रहा है लेकिन पिछले वर्ष नीमच जिले की जनसंख्या का 1% से भी कम लोगों ने भी रक्तदान किया गया। नीमच जिले मैं77.3 प्रतिशत बच्चे तथा 50.2% महिलाएं एनीमिया (खून की कमी) से ग्रसित है. साथ ही नीमच जिले में 84 बच्चे थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है जिन्हें 18 से 22 बार रक्त की आवश्यकता होती है। अपने जीवन में 97 बार रक्तदान कर चुके रेड क्रॉस के सत्येंद्र सिंह राठौर ने जिले वासियों से एक भावक अपील की है जिसमें उन्होंने बताया कि आने वाली 12 अगस्त को जिले के चुनिंदा शहरों तथा ग्राम पंचायतों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी जिले वासी बढ़-चढ़कर भाग ले तथा मानव सेवा कर अपने जीवन को कृतार्थ करें। जैसा की विधित है कि सत्येंद्र सिंह राठौर रेड क्रॉस के माध्यम से लगातार रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं तथा स्वयं भी रक्तदान करके सभी को प्रेरित करते हैं।