सरवानिया महाराज। अतिथि शिक्षक संगठन के सदस्यों ने सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा को आज एक ज्ञापन दिया। जिसमे संघ द्वारा कई मांगे मंत्री सामने रखी।
ज्ञापन में बताया गया कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में विगत 14-15 वर्षों से अतिथि शिक्षक पूर्ण निष्ठा, लगन व ईमानदारी के साथ अध्यापन कार्य कराते आ रहे हैं। जिन्होंने लगातार शासन प्रशासन के समक्ष बेहतर से बेहतर उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देकर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को उच्च स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपने भविष्य को सुरक्षित कराने हेतु सैकड़ों बार आवेदन व निवेदन के माध्यम से प्रदेश सरकार से पद स्थायित्व तो मांगा है किंतु आज दिनांक तक प्रदेश सरकार द्वारा हमारे भविष्य को लेकर ऐसी कोई नीति बनाकर ठोस कार्यवाही नहीं की गई जिससे हमारा भविष्य सुरक्षित हो सके। कुछ समय पहले स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री के नाम लिखा गया पत्र जिसमें छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य राज्यों की तरह अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने का उल्लेख है किंतु आज दिनांक तक उक्त पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
अतिथि शिक्षकों ज्ञापन में बताया गया कि आपसे भी निवेदन है कि हमारी नियमितीकरण की मांग मानी जाए। आपके मांग पत्र में 25 प्रतिशत वाली मांग शामिल है वह हमारे लिए न्याय उचित नहीं है, हम उसका विरोध करते हैं। आपसे निवेदन है कि आपके मांग पत्र में हमारी केवल एक ही मांग हो कि अतिथि शिक्षक नियमितीकरण हो। अन्य राज्यों की तर्ज पर और अनुभव के आधार पर इसलिए आपसे करबद्ध निवेदन है कि स्कूल अतिथि शिक्षकों के लिए नीति बनाकर गुरुजी की तर्ज पर भविष्य सुरक्षित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को उचित कार्यवाही करने के आदेश निर्देश देने का कष्ट करें।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष देवीसिंह देवड़ा, अर्जुन वेद्य, सुनील सुथार, पुष्कर धनगर, सुरेश राठौर, लीला साहू, कालूलाल राठौर, भेरूलाल वर्मा, धनसिंह चंद्रावत आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।