चित्तौडगढ़। हिन्दुस्तान जिंक चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर के ग्रामीण विकास के अन्तर्गत संचालित शिक्षा सम्बल ग्रीष्मकालीन शिविर डगला का खेड़ा, कंथारिया, आजोलिया का खेड़ा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित हुआ। जिसमें आस पास के क्षेत्र के 250 से अधिक ग्रामीण प्रतिभाएं आत्मविश्वास से परिपूर्ण नज़र आई। माध्यमिक कक्षा में इस वर्ष प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं के परिणाम में गुणवत्तापुर्ण सुधार एवं ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने के यह ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। शिविर का समापन समारोह जिंक नगर एक्जीक्यूटिव क्लब में आयोजित हुआ। समापन समारोह के अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर के लोकेशन हेड कमोद सिंह ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कठिन परिश्रम एवं अध्ययन में जिज्ञासा रखते हुए आगे बढ़ने हेतु प्रेरित किया।
समापन समारोह में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ, उंची उड़ान के सफल एवं अध्ययनरत, वेदांता पीजी गर्ल्स कॉलेज रींगस विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर जिला शिक्षा कार्यालय से सहायक परियोजना समन्वयक योगेश अडानिया, समग्र शिक्षा अभियान एवं शिक्षा सारथी एजुकेशन कल्चरल एण्ड सोशल सोसायटी बिरला कार्पाेरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने विद्यार्थियों का उत्सावर्धन किया।
हिन्दुस्तान जिंक एवं विद्या भवन सोसायटी द्वारा एक माह तक कंथारिया, आजोलिया का खेड़ा एवं डगला का खेडा राजकीय विद्यालयों में आयोजित इस समर कैम्प में विद्यार्थियों को विशेषज्ञ अध्यापको द्वारा गणित, अंग्रेजी एवं विज्ञान विषयों की कोचिंग दी गयी साथ ही समेकित पर जोर देते हुए योगा, खेलकूद, आर्ट एण्ड क्राफ्ट एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। विज्ञान विषय हेतु प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय से भी छात्रों को जोडा गया। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा शिक्षा संबल कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित इस ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में 17 विद्यालयों के 250 से अधिक बच्चें लाभान्वित हुए। साथ ही उदयपुर में आयोजित आवासीय शिविर में चित्तौडगढ़ जिले के 17 विद्यालयों के 79 विद्यार्थियों ने भाग लिया। शिविरों में हिन्दुस्तान जिंक के कर्मचारियों ने भी विद्यार्थियों को स्वैच्छिक कक्षाएं लेकर उन्हें विषयों के साथ साथ खेल एवं सास्ंकृतिक गतिविधियों की जानकारी दी। शिविर के दौरान स्वैच्छिक वालंटियर ने छात्रों को विषय संबधित जानकारी दी। शिविर का उद्देश्य बच्चों के सीखने के स्तर को बढ़ाना और विषयों के बारें में वर्कबुक, वर्कशीट के माध्यम एवं छोटे समूह में अध्यापन कर अधिक जानकारी प्रदान करना था।