चित्तौड़गढ़। जिला चिकित्सालय में डॉक्टर की कथित लापरवाही से ज्योती डीरा की हुई मौत के मामले ने 5 दिन बाद तूल पकड़ लिया। समाज के लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना दिया और प्रदर्शन करते हुए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन दिया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रभा गौतम ने समाज के लोगों को मामले की जांच करवाकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। बताया गया कि ज्योति पत्नी जितेंद्र को प्रसव पीड़ा पर अस्पताल लाया गया जहां नॉर्मल डिलीवरी के बाद अचानक रक्तस्राव शुरू हो गया। स्टाफ द्वारा हालत गंभीर मानते हुए संबंधित महिला डॉक्टर को मैसेज किया गया लेकिन डॉक्टर मौके पर नहीं पहुंची। नतीजतन, ज्योति को आनन फानन में उदयपुर रेफर किया गया जहां तमाम प्रयासों के बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका। डॉक्टरो का कहना था कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद समुचित तरीके से उपचार नहीं किया गया जिससे ब्लीडिंग हुई। नियमानुसार, ऐसी स्थिति में किसी भी मरीज को रेफर भी नहीं किया जा सकता लेकिन ज्योति को रेफर किया गया। इस मामले को लेकर चित्तौड़गढ़ के साथ-साथ भीलवाड़ा उदयपुर राजसमंद प्रतापगढ़ नीमच मंदसौर क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग चित्तौड़गढ़ पहुंचे जहां सबसे पहले विधायक चंद्रभान सिंह आक्या के समक्ष अपनी व्यथा रखते हुए डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई गई। बाद में स्वजातीय बन्धु सदर थाने पहुंचे तथा परिवाद पेश किया गया। ज्योति के पिता और ससुराल पक्ष के लोगों को थाना प्रभारी ने समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। बाद में समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टर के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रभा गौतम को मांग पत्र सोपा गया। छात्रावास समिति के प्रवक्ता एडवोकेट रत्नेश दमामी ने बताया कि इस दौरान वल्लभनगर पंचायत समिति के प्रधान देवी लाल नगार्ची, नंदलाल पवार, हीरालाल जमडा, प्रिंस राज भीलवाड़ा से पूजा सिसोदिया, रमेश सिसोदिया, प्रवीण सिसोदिया उदयपुर से कौशल्या नगारची, दिनेश आगरिया, पत्रकार भेरूलाल दमामी नीमच, धरियावद तथा प्रतापगढ़ से परिजनों के साथ बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।