नीमच। एक युवक का 3 माह पूर्व एक्सीडेंट में एक पांव चला गया था और उसको काटना पड़ा जिसके कारण युवक अपंग हो गया। तत्पश्चात कुछ सरकारी सहायता के लिए और सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के लिए विकलांगता का प्रमाण पत्र होना जरूरी है। जिसके लिए यह शख्स पिछले 5 सोमवार से जिला चिकित्सालय के चक्कर लगा रहा है, लेकिन लेकिन यहां नियुक्त ऑर्थोपेडिक डॉक्टर नहीं आने के कारण इनका विकलांगता का प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है।
यह युवक है नीमच निवासी समीर। जो विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए जिला अस्पताल के चक्कर काट रहा है। आज मानवाधिकार निगरानी समिति के सदस्यों से संपर्क होने पर पता चला कि पिछले 5 सोमवार से प्रति सोमवार संपूर्ण जिले से उक्त प्रमाण पत्र के लिए अनेक लोग संपूर्ण जिले से नीमच आते हैं, लेकिन कोई भी डॉक्टर उक्त प्रमाण पत्र नहीं बनाता है, जिसके चलते वापस जिले से आए लोग गंतव्य स्थान तक जाते हैं और परेशान होते हैं। जब सीएमएचओ डॉ बघेल को फोन लगाया तो उन्होंने मीटिंग में होने की बात कह कर टाल दिया और डॉ मिश्रा से संपर्क करने की कहा तो समीर ने कहा कि डॉ मिश्रा को फोन लगाने पर वह उठाते नहीं है।
मानवाधिकार निगरानी समिति संरक्षक शिव माहेश्वरी, जिला अध्यक्ष दिलीप छाजेड़, जिला महामंत्री प्रवीण शर्मा, रमेश जायसवाल, नगर अध्यक्ष मनीष जैन मारू ने जिलाधीश से निवेदन किया है कि विकलांग लोगों की सहायता के लिए सिर्फ सोमवार को ही प्रमाण पत्र ना देकर संपूर्ण 8 दिनों के लिए एक डॉक्टर की नियुक्ति की जाए ताकि किसी अपाहिज को परेशान ना होना पड़े।