अकलेरा। क्षेत्र के सनखेडी गांव में चल रही श्री मद् भागवत कथा के छठवें दिन कथा वाचक संत ने बताया कि आप परिस्थितियों के साथ मत रहीये क्योंकि परिस्थितियां बदलती रहती हैं आप कैवल भगवान के साथ रहीये सभी परिस्थितियों में एक समान रहना सीखो। राजी होना और नाराज होना बंद करो। हमेशा समान रहना सीखो। फिर सुख दुःख नहीं व्यापेगा। संसार में लोग अंतरिक्ष तक पंहुच गये। हमारे वैज्ञानिकों ने क्या क्या जान लिया। क्या क्या आविष्कार कर लिये, पर आज का इंसान खुद को नहीं पहचान पाया है।
गीता का ज्ञान, गोपी का प्रेम और रामजी की मर्यादा पर बोलते हुए बताया कि गोपीयां भगवान श्री कृष्ण की याद में सदा रोती रहती थी, इसलिए उनका प्रेम याद किया जाता है। आप भी भगवान की याद में कभी कभी रोया करों। भगवान से कहा करो, है भगवान आपके सिवा मेरा कोई सहारा नही है, आपको छोडकर मे कहां जाउं , यह भाव हमारी भक्ति में आ जाना चाहिए। भगवान किसी योग्यता से नही मीलता है भगवान को पाने के लिए गोपीपभाव, शबरी जैसा भाव होना चाहिए एक दिन वो जरुर आयेगा ओर जिसने भी पाया है यंहा सब ने प्रेम से ही पाया है।
बताया गाय के साथ साथ गीताजी, गंगा जल ओर ग्यारस का वृत प्रत्येक घर में होनी चाहिए क्योंकि जिन घरों में यह सब होता है तो फिर उनको अंत समय मोत का डर नहीं लगता है स कहा कि स्कूल के बालक बालिकाओं को भी थोडा समय निकालकर गीताजी जरुर पढना चाहिये।
गीताजी दुनिया के कोने कोने में पंहुच गयी फिर हमारे घर में क्यों नही आई स अमेरिका के राष्ट्रपति को भारत के प्रधानमंत्री ने गीताजी भैंट की थी स आप भी शादि विवाह, जन्मदिन पर भैंट में गीताजी दिया करो। आज के समय लोगो को गीता पढने में दिकत आ रही है पर वही लोग घंटों तक अखबार पढते रहते हैं, तुलसी का पत्ता अच्छा नही लगता है, जर्दा का पत्ता अच्छा लगता हैं। गंगा जल अच्छा नही लगता है पर चाय अच्छी लगती हैं।
बाल बच्चों को बचपन से ही मंदिर जाना सिखाओ, मधुर बोलना सिखाओ, छोटी छोटी बातो पर गुस्सा नहीं करन चाहिए, ऐसे संस्कार बचपन से ही दो तब कही जा कर वो मानेगें।
समाज सुधार की बात करते हुए बताया कि लोग शराब पी रहे हैं, जर्दा खा रहे है, अफीम खा रहे है, भांग खा रहे है, सीगरेट पी रहे है, आखिर लोगों को क्या हो गया है इन को रोकेगा कोन स सरकार के भरोसे मत रहना, क्योंकि लोकडाउन में सबसे पहले शराब के ठैके ही खुले थे, मंदिर बाद में खुले थे स आज के समय लोग आलसी हो गये है, सरकार ने मुहावजा दे दे कर, कर्जा दे दे कर लोगो को आलसी बना दिया है स आज के समय लोग काम नही करना चाहते हैं और कर्जा कोई अच्छी बात नहीं है, कमा कर खाओ ओर आगे बढो।
कथा के बिच गाये भजन गोविन्द की वाणी, गीता महारानी, महीमा संतो ने जानी, प्रेम के वस गोपाला हे, प्रेम का पंत निराला है, कान्हा तेरी जोवत रह गयी बाट पर श्रोता भावविभोर हो गये, कही श्रोता अपने आंसू पोचते नजर आये स इससे पहले कथा के आरम्भ में जजमान सुरेश गोयल, राजू गोयल ने सपरिवार भागवत् जी की पुजा अर्चना की।