मंदसौर। श्री पीपा क्षत्रिय (दर्जी) समाज द्वितीय युवक-युवती परिचय सम्मेलन द्वारकाधीश मंदिर मंदसौर में आयोजित किया गया। जिसमें मध्यप्रदेश, राजस्थान से 130 लड़के व 30 लड़कियों ने अपना पंजीयन कराया गया। जो प्रातः 9:00 बजे संत श्री पीपा जी महाराज की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।उसके पश्चात युवक व युवतियों ने मंच से उपस्थित होकर अपना-अपना परिचय दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लक्ष्मण सोलंकी (फतेहनगर वाले) गुरुजी एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता रामचन्द्र पंवार उदयपूर, एवं सुनिता पालीवाल (सीतामऊ) पुष्पा पंवार (कम्पनी कमांडर होमगार्ड नीमच), दिपमाला-रामेश्वर मकवाना (सभापति), भगवती मकवाना अमलावद, आभा सौलंकी इन्दौर, किशनलाल अवलेश्वर, हुकमीचन्द कनेरिया पिपल्या मंडी, लक्ष्मीनारायण सौलंकी गरोठ, रामनारायण टेलर गन्धेर, मांगीलाल मकवाना राजाखेड़ी, बद्रीलाल गरोठ, अरुण तंवर उदयपुर मंचासीन थे।
सभी अतिथियो का स्वागत अध्यक्ष आनन्द भाटी, ओमप्रकाश पालीवाल अध्यक्ष सामूहिक विवाह समिती, सचिव राजेन्द्र पंवार, कोषाध्यक्ष हीरालाल टेलर, वरिष्ठ मदनलाल गेहलोत, कैलाश सोलंकी, गोपाल चावडा, रमेश पंवार, शिवा रमेश पालीवाल, यशवंत भटेवरा, शिवरमन पंवार, दशरथ पंवार दलौदा, बापूलाल पंवार दलौदा, दिनेश पंवार दलौदा, दिलखुश मकवाना, संतोष पंवार दलाँदा, जुगल किशोर सोलंकी, कृष्णगोपाल सोलंकी, भरत पंवार, प्रकाश पालीवाल सहित समाज जनो अतिथियों का स्वागत किया गया एवं मंचासीन महिलाए यशोदा पंवार, अंगूर बाला पंवार, कविता पंवार का स्वागत किया। कार्यक्रम में आसपास के ग्रामीण अंचल से बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।
सम्मेलन में राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, एवं गुजरात से बड़ी संख्या में युवक युवतियो व उनके अभिभावकों की उपस्थिती रही है। युवक-युवतीयो का परिचय का दौर करीब पाच घंटे तक निरन्तर चला। परिचय हेतु युवको एवं युवतियों के फार्म आये सभी का परिचय मंच पर किया गया तथा सभी ने अपनी-अपनी भावी जीवन के बारे में बताया गया तथा सभी ने अपनी अपनी भविष्य की योजना, महत्वाकांक्षाएं भी बताई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुरूजी लक्ष्मण सोलंकी ने सम्बोधन में कहा समाज के लोगों को आगाह किया कि जब फल पक जाए तो उसका उपयोग कर लेना चाहिये नहीं तो वो खराब हो जाता है । उसी को ध्यान में रखकर समाज के हर व्यक्ति को अपने बालक-बालिकाओं का विवाह समय पर देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन अरुण सोलंकी जावद तथा आभार सुनील पालीवाल मंदसौर ने माना।