नीमच। सर्वाेच्च जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखरजी की स्वतंत्र पहचान और पवित्रता को लेकर चल रहे आंदोलन के क्रम में वर्ष के अंतिम दिन भारत वर्ष के 221 स्थानों पर जैन समाज ने सरकार द्वारा श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटक क्षेत्र घोषित करने की अधिसूचना के विरोध में सामूहिक मुंडन कराया।
उक्त जानकारी देते हुए दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप जिनागम नीमच के अध्यक्ष अंकुश जैन एवं सचिव निखिल बज ने बताया कि केन्द्र व राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण जैन धर्मावलम्बियों के तीर्थ उनसे दूर होते जा रहे हैं। इन नीतियों के विरोध में पूरे देश में जैन धर्मावलम्बियों में असंतोष पनप रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप आज देश के 221 विभिन्न स्थानों पर विरोध स्वरूप सामूहिक मुण्डन कराया गया।
संयोजक डॉ शशांक जैन ने बताया कि इस मुंडन आंदोलन में जैन समाज आरा के 7 सदस्यों डॉ शशांक जैन, साहू चंद जैन, अजय प्रकाश जैन, शैलेश कुमार जैन, राजेश कुमार जैन, मिथिलेश कुमार जैन, विजय चंद जैन ने स्थानीय श्री चंद्रप्रभु मंदिर में सामूहिक मुंडन कराया। जब जब भी धर्म एवं तीर्थ पर उपसर्ग आया है तब त्याग और बलिदान देकर विजय पाया गया है। जिनशासन के वीर सपूतों का उत्साह वर्धन नवनिर्वाचित वार्ड पार्षद रेखा जैन द्वारा किया गया। मंच संचालन रोशन चंद जैन ने किया। उपस्थित प्रमुख श्रद्धालुओं में मनीष जैन, अपूर्व जैन, रोहित जैन, चंद्राभ जैन, ओंकार अग्रवाल, शुद्धात्म जैन, शरण्य जैन, आदित्य जैन, वंश जैन, अरिहंत जैन, नम्रता जैन, सोनी जैन, अर्चना जैन, अमिता जैन, सूरज जैन, आम्रपाली जैन, मंजू जैन आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।