नीमच। जैन समाज का शाश्वत तीर्थ गुजरात स्थित पालीताणा की यात्रा नीमच के तकरीबन 20 बच्चे और 15 वयस्क स्त्री-पुरुष भक्त 30 और 31 दिसंबर को गई। जैन समाज में यह पवित्र यात्रा होती है जो चोविहार बेला यानी कि 2 दिन तक बिना कुछ खाए पिए की जाती है।
दादा आदिनाथ जी भगवान का दरबार ऊंचे पर्वत पर स्थित है। जहां जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है। 2 दिन में सात यात्रा संपन्न करने का बहुत बड़ा महत्व है। शास्त्र के हिसाब से इसमें तीसरे भव में मोक्ष की प्राप्ति होती है और एक यात्रा पूर्ण करने में तकरीबन 7000 सीढ़ियां उतरना चढ़ना पड़ता है। इस हिसाब से नीमच से गए बच्चे जिनकी उम्र 10 से 15 वर्ष के बीच थी इन 20 बच्चों ने अन्य श्रद्धालु गण ने 2 दिन में तकरीबन 50000 सीढ़ियां बिना अन्न जल ग्रहण किए चढ़े व उतरे। इस बीच में 7 बार दादा के दर्शन किए।
उक्त यात्रा अहमदाबाद की श्रद्धा संस्कार परिवार द्वारा प्रतिवर्ष कराई जाती है। जिसमें नीमच जैन समाज का मंडल सम्मिलित हुआ था। सभी की यात्रा सानंद संपन्न हुई और आज नीमच आगमन हुआ। सभी तीर्थ यात्रियों का नीमच जैन भवन पर भव्य स्वागत किया गया। तत्पश्चात जुलूस के रूप में भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर जाकर भगवान जी के दर्शन करने के पश्चात अपने घरों पर प्रस्थान किया।
भीड़ भंजन मंदिर ट्रस्ट द्वारा सभी का सम्मान किया गया। छोटे बच्चों की यात्रा सानंद संपन्न होने पर नीमच के समस्त जैन समाज में बड़े उत्साह का माहौल है और सभी को आदिनाथ दादा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और ऐसा ही आशीर्वाद आगे भी मिलता रहे यही प्रभु से प्रार्थना की गई। उक्त जानकारी दिलीप छाजेड़ और मनीष मारू द्वारा दी गई।