नीमच। ज्ञानोदय ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट में दो दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन ज्ञानोदय ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के ग्रुप डायरेक्टर प्रो़ डॉ प्रशांत शर्मा के निर्देशन में प्रारंभ किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत विद्या की देवी मां सरस्वती के पूजन एवं सरस्वती वंदना से की गई।
इसी श्रंखला में कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए इंदौर के प्रसिद्ध प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च महाविद्यालय के विषय विशेषज्ञ प्रो डॉ अनुकूल हेडे एवं प्रो डॉ रश्मि बड़जात्या मुख्य वक्ता रहे। जिनका स्वागत उद्बोधन ज्ञानोदय के ग्रुप डायरेक्टर डॉ प्रशांत शर्मा एवं ज्ञानोदय महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ माधुरी चौरसिया ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया।
इस अवसर पर संस्था निर्देशिका डॉ माधुरी चौरसिया ने कहा कि शिक्षक ही अपने विद्यार्थियों का बौद्धिक एवं शैक्षणिक विकास करता है और समाज में गुरु का बड़ा महत्व है। इसी कड़ी में डॉ.प्रशांत शर्मा ने कहा कि शिक्षक का विकास बहुत महत्वपूर्ण होता है और समय-समय पर शिक्षक को अपडेट रहना जरूरी होता है और गुरु ही है जो पूरे समाज का,देश का विकास करता है। आज के प्रशिक्षण का विषय टीचिंग इफेक्टिवेनेस था।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ रश्मि बड़जात्या ने अपनी पीपीटी के माध्यम से टीचिंग इफेक्टिवेनेस विषय पर मार्गदर्शन दिया। सभी प्राध्यापकों को अपनी शिक्षण प्रणाली को कैसे प्रभावी बनाया जाए इस पर प्रकाश डाला। शिक्षण, कौशल, कक्षा भागीदारी विषय पर व्याख्यान के साथ-साथ चर्चा भी हुई। कक्षा में सीखने-सीखाने की प्रक्रिया का परिवर्तन, प्रौद्योगिकी समर्थित, भागीदारी व मिश्रित अध्ययन को सुधारने के बारे में बताया। कक्षा शिक्षण को बेहतर बनाने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की और प्रबंधन गेम्स के माध्यम से रचनात्मक शिक्षण पद्धति को समझाया।
कार्यक्रम संयोजक प्रो संदीप सोनगरा, प्रो डॉ विनीता डावर, प्रो केतन खंडेलवाल थे। इस अवसर पर ज्ञानोदय इंस्टिट्यूट ऑफ ग्रुप के सभी प्राचार्य एवं समस्त प्राध्यापक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो डॉ विनीता डावर ने किया। उक्त जानकारी प्रोअनूप चौधरी एवं प्रो डॉ श्रद्धा आर्य ने दी।