भवानीमंडी। सादला ग्राम में सात दिवसीय द्वितीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन हुआ। इस दौरान कथा वाचिका संध्या शास्त्री जी ने 7 दिन तक चली कथा में भक्तो को श्रीमद भागवत कथा की महिमा बताई। उन्होंने लोगो से भक्ति मार्ग से जुड़ने और सत्कार करने को कहा। श्रीमदभागवत कथा श्रवण मात्र से ही मनुष्य के पाप पुण्य में बदल जाते है। कथा में भक्तजन भाव विभोर होकर नाचते रहे। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंत्रमुग्ध होकर कथा का रसपान किया। कथा सुनने आस पास के गावों के कई महिला पुरुष श्रद्धालु पहुंचे है।
कथा वाचिका संध्या शास्त्री जी ने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। जिसे हम सब प्रसाद कहते है।
कथा के समापन के बाद कलश यात्रा निकाली गई। जिसमे सभी ग्राम वासियों के पुरुष, महिलाओं ने भाग लिया। इसके बाद विधिविधान से हवन यज्ञ एवं भंडारा कराया गया। इस शुभ अवसर पर समस्त ग्रामवासी एवं नवयुवक मंडल सेवा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।