नीमच। जिले की पावन धरा पर ग्राम रेवली देवली में चल रही भक्ति रस युक्त संगीत में श्रीमद देवी भागवत कथा के तीसरे दिवस कथा व्यास भागवत आचार्य पंडित सोमनाथ शर्मा ने कथा को प्रारंभ करते हुए कहा कि मनुष्य का कल्याण केवल भगवान की भक्ति से ही संभव है और यही एक साधन है जिससे मनुष्य भगवान को प्राप्त कर सकता है भक्ति में भी सर्वश्रेष्ठ भक्ति वहीं कहीं गई है जिस भक्ति में भगवान से कुछ नहीं मांगा जाए अर्थात निष्काम भक्ति ही भगवान को सबसे अधिक प्रिय है।
श्रीमद् देवी भागवत आयोजन वह सहस्त्र चंडी यज्ञ में व्यास जी ने यज्ञ की महिमा को बताते हुए कहा कि यज्ञ में जो हम हवन करते हैं उस के माध्यम से भगवान को भोजन कराया जाता है और यज्ञ पुरातन काल से चले आ रहे हैं यज्ञ का महत्व हमारे सनातन धर्म में सर्वाधिक है और यज्ञ के माध्यम से भगवान प्रसन्न होते हैं पहले के समय में भी यज्ञ के माध्यम से वर्षा करवाई जाती थी देवताओं को प्रसन्न किया जाता था।
इस देवी महा महोत्सव में ग्राम रेवली देवली में चल रहे इस कथा महोत्सव में देवी के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि शक्ति की आराधना जीवन में बहुत आवश्यक है बिना शक्ति के कोई भी चीज संसार में संचालित नहीं होती भगवान ब्रह्मा विष्णु महेश हुई शक्ति की आराधना करते हैं इसी के कारण पृथ्वी के भार को संभालते हैं कथा श्रवण करने हजारों की संख्या में श्रोता और भक्तगण पहुंच रहे है। तीसरे दिन की कथा में राजा जनमेजय के प्रसंग, राजा परीक्षित के प्रसंग, पांडवों और कौरवों की कथा, वेदव्यास जी के जन्म व भगवती दुर्गा की आराधना के महत्व की कथा सुनाई गई। कथा में भजनों पर श्रोताओं ने जमकर आनन्द लिया।