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February 3, 2023, 5:50 pm
BIG REPORT : मैरिंगो सिम्स हॉस्टिल अहमदाबाद के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ. नितीन सिंघल ने की पत्रकारों से चर्चा, बोले- कैंसर को मात देने लिए जागरुकता जरूरी, पढ़े खबर 

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नीमच। देश भर में कैंसर के कई मामले सामने आने के बाद समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाना जरूरी है। साथ ही इस तरह की समस्याओं से बचाव के बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है। यह बात मैरिंगो सिम्स हॉस्टिल अहमदाबाद के सुपर स्पेशलिस्ट डॉ. नितीन सिंघल (कैंसर सर्जन) ने शुक्रवार को लायंस पार्क के समीप स्थित नटराज होटल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। पत्रकारों से रुबरु होते हुए डॉ. सिंघल ने बताया मैरिंगो सिम्स हास्पिटल अहमदाबाद के सुपर स्पेशालीस्ट डाक्टरों की ओपीडी नीमच में चौरडिया हास्पिटल में शुरु की गई है। यहां हर माह कैंसर संबंधी बेसिक प्रक्रिया की जानकारी, उपचार के साथ कैंसर मरीजों को अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
चर्चा के दौरान डॉ. सिंघल ने बताया देश भर में पेट कैंसर, महिलाओं के कैंसर, पेशाब तंत्र के कैंसर, फेफडों और खाने की नली के कैंसर, बच्चों के कैंसर, मिनीमल इंन्वेशीव रोबेटिक कैंसर, रक्त कैंसर के केस लगातार बढ रहे हैं। इतने प्रकार के कैंसर के बढते मामले सामने आने के बाद इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाना कितना जरूरी है। साथ ही इस तरह की समस्याओं से बचाव के बारे में जागरूकता पैदा करना भी जरूरी है।
भारत में कैंसर से लाखो लोग पीड़ित हैं और हर साल करीब 7 लाख से अधिक नए मामले दर्ज होते हैं। कैंसर के सभी प्रकारों में, पुरुषों में मुंह और फेफड़े का कैंसर और महिलाओं में सर्विक्स यानी गर्भाशय का कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक होता है। देश में होने वाली सभी मौतों में लगभग 50 प्रतिशत मौतें कैंसर की वजह से होती हैं। कैंसर उन कई संबंधित बीमारियों का समूह है जो तब होती हैं जब असामान्य कोशिकाओं का एक समूह अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगता है। इस तरह से अक्सर ट्यूमर बन जाते हैं। ट्यूमर या तो सामान्य होते हैं या घातक। चार प्रमुख प्रकार की रोकथाम की जरूरत हैः टीकाकरण, स्क्रीनिंग, जीवनशैली में परिवर्तन और केमोप्रिवेन्शन।’
पत्रकारों से चर्चा के दौरान अहमदाबाद मैरिंगो सिम्स हॉस्पटिल  से आए मेडिकल ओन्कोकलोजीस्ट कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शिरीष अलुरकर ने बताया कैंसर का जल्दी पता चल जाए तो मौत की आशंका कम हो जाती है।‘स्क्रीनिंग से एक विषम बीमारी, अस्वास्थ्यकर स्थिति या जोखिम कारक की पहचान की जाती है। शुरुआती रोकथाम बीमारी को होने से रोकने के लिए किए जाने वाले प्रयास हैं, सेकेंडरी प्रिवेंशन में बीमारी को पकड़ने की कोशिश की जाती है और बीमारी की जटिलताओं को कम करने के रूप में तीसरी प्रक्रिया शुरू की जाती है। कैंसर का अगर जल्दी पता चल जाता है, तो इसका इलाज बहुत कम खर्च पर किया जा सकता है। अगर शुरुआती लक्षण प्रकट होते ही लोग स्क्रीनिंग कराने जाते हैं, तो मृत्यु की आशंका कम हो जाती है। लेकिन दुर्भाग्यवश कैंसर के लगभग दो-तिहाई मामलों का पता लास्ट स्टेज में चलता है जिससे रोगियों के इलाज और उनके बचने के अवसर कम हो जाते हैं।’
- लक्षणों पर ध्यान देकर और नियमित रूप से जांच कराकर खतरे को कम किया जा सकता है।
- तंबाकू की लत छोड़ना या कम करना कैंसर की रोकथाम में सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
- नल के पानी को फिल्टर कर पिएं ताकि संभावित कैंसर कारकों से शरीर को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
- समय पर और शेड्यूल के अनुसार टीकाकरण करवाएं
- बहुत सारा पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से मूत्र में कैंसर पैदा करने वाले एजेंटों को फ्लश करने में मदद मिलती है
- स्वस्थ आहार खाने और नियमित व्यायाम करने की आदत डालें। फल और सब्जियां ऐंटिऑक्सिडेंट से समृद्ध होती हैं, जो बीमारियों से बचाने में मदद कर सकती हैं।

 

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