नीमच। मप्र शासन व्दारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही। भगवान बिरसामुण्डा स्वरोजगार योजना नीमच जिले के जावद विकासखण्ड के दूरस्थ जनजातीय बाहुल्य ग्राम कोज्या के घनश्याम पिता हीरालाल भील को स्वरोजगार उपलब्ध करवाकर अब आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार सिद्ध हुई है।
कोज्या निवासी जनजातिय वर्ग के घनश्याम को समाचार पत्रों के माध्यम से उक्त स्वरोजगार योजना के बारे में बता चला तो उसने जनजातिय कार्य विभाग के जिला कार्यालय नीमच से संपर्क कर इस योजना के तहत आवेदन किया। घनश्याम को स्टेट बैंक सिंगोली शाखा से एम.पी.ऑनलाईन केंद्र स्थापित करने के लिए दो लाख रूपये का ऋण मिला। इससे घनश्याम भील ने अपने गांव कोज्या में एम.पी.ऑनलाईन केंद्र स्थापित किया है। घनश्याम का एम.पी.ऑनलाईन सेंटर चल निकला।
जिला मुख्यालय व तहसील मुख्यालय से दूरस्थ होने के कारण कोज्या व आसपास के कई गांवों के लोग उसके एम.पी.ऑनलाईन सेंटर से विभिन्न ऑनलाईन सेवाएं प्राप्त कर रहे है। इससे घनश्याम को प्रतिमाह लगभग 12 से 15 हजार रूपये की आमदनी हो रही है। अब घनश्याम को बेरोजगारी की चिंता से मुक्ति मिल गई है। साथ ही क्षेत्र के ग्रामीणों को एम.पी.ऑनलाईन सेंटर के रूप में कोज्या में ही विभिन्न सेवाएं प्राप्त करने में काफी सुविधा हुई है। घनश्याम भगवान बिरसामुण्डा स्वरोजगार योजना का लाभ मिलने पर प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान को धन्यवाद दे रहा है।
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