मंदसौर। शहर के रहने वाले सत्यनारायण बहुत ही गरीब परिवार से है। इनके घर की स्थिति बहुत ही चिंताजनक थी। इसके साथ ही इन्हें बेहतर रोजगार भी नहीं मिल रहा था। इन्होंने अपने शहर के साथ-साथ अन्य शहरों में भी रोजगार की तलाश की, लेकिन इन्हें रोजगार नहीं मिला। फिर इन्होंने अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने के बारे में सोचा। व्यवसाय स्थापित करने की प्रेरणा मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर से मिली। सत्यनारायण कहते हैं कि अगर मैं आत्मनिर्भर बन जाऊं तो मुझे किसी भी रोजगार की आवश्यकता नहीं रहेगी। साथ ही साथ मेरे बच्चों को भी रोजगार की आवश्यकता नहीं रहेगी। अगर मेरा खुद का व्यवसाय होगा तो मैं खुद आत्मनिर्भर बन जाऊंगा। और पीढ़ी दर पीढ़ी रोजगार देता रहूंगा। फिर मैंने निर्णय लिया कि क्यों ना रेस्टोरेंट्स स्थापित किया जाए। लेकिन इसके लिए पैसों की आवश्यकता थी। मेरे दोस्तों ने मुझे बताया कि बैंक के माध्यम से आपको लोन मिल सकता है। जिससे आप रेस्टोरेंट्स स्थापित कर सकते हैं। फिर मैं बैंक में गया और वहां पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से मुझे बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा 3 लाख 25 हजार का लोन प्राप्त हुआ। जिसकी मदद से मैंने रेस्टोरेंट्स स्थापित किया। आज मेरा रेस्टोरेंट बहुत अच्छे से चल रहा है और मेरी कमाई भी बहुत हो रही है। इसके साथ ही मेरे घर वालों को भी बेरोजगार दे रहा हूं। परिवार में मेरा सम्मान भी बड़ा है।
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